कीव । (एजेंसी )युद्ध के बीच उम्मीद की किरण जगाने वाली एक अनोखी तस्वीर दुनिया के सामने आई है। यूक्रेन में चल रहे फैशन वीक में इस बार वो चेहरे रैंप पर उतरे, जिन्हें अब तक लोग केवल मोर्चे पर लड़ते हुए देखते आए थे। रूस-यूक्रेन संघर्ष में अपने शरीर का हिस्सा खो देने वाले विकलांग सैनिक अब मॉडलों की तरह रैंप पर चलकर समाज को नया संदेश दे रहे हैं।

रैंप पर उतरते इन सैनिकों के आत्मविश्वास ने दर्शकों को झकझोर दिया। कहीं कृत्रिम पैर के साथ आत्मसम्मान की चाल थी, तो कहीं हाथ गंवाने के बावजूद चेहरे पर मुस्कान लिए कदम बढ़ाते सैनिक। डिज़ाइनर्स ने इनके लिए ऐसे परिधान तैयार किए थे जो न केवल आधुनिक फैशन की झलक दिखा रहे थे बल्कि संघर्ष और उम्मीद की कहानी भी बयां कर रहे थे।
दर्शकों ने इन सैनिकों का स्वागत तालियों की गड़गड़ाहट से किया। सोशल मीडिया पर यह शो चर्चा का केंद्र बन गया है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक फैशन शो नहीं, बल्कि हौसले और जज़्बे की मिसाल है। हालांकि कुछ आलोचकों ने यह सवाल भी उठाया कि यह प्रतीकात्मक कदम से आगे बढ़कर विकलांग सैनिकों की असली चुनौतियों — जैसे पुनर्वास, स्वास्थ्य सुविधाएं और रोज़गार — पर भी गंभीर पहल ज़रूरी है।
फिर भी, इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि जख्म केवल दर्द नहीं देते, वे एक नई पहचान भी गढ़ते हैं। रैंप पर चलने वाले ये सैनिक दुनिया को दिखा रहे हैं कि विकलांगता कोई सीमा नहीं, बल्कि बदलाव और उम्मीद की शुरुआत हो सकती है।
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