जिला चिकित्सालय में रोगियों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी

चित्तौडगढ़। जिले के सबसे बड़े जिला मुख्यालय स्थित श्री साँवलिया जी राजकीय चिकित्सालय में इन दिनों मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है। खासकर मौसमी बीमारियों, जैसे वायरल बुखार, डेंगू और मलेरिया के मरीज बड़ी तादाद में आ रहे हैं। इस वजह से चिकित्सालय के वार्ड पूरी तरह से भर गए हैं और बेड की कमी हो गई है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि डॉक्टरों को मरीजों का इलाज फर्श पर लेटाकर करना पड़ रहा है। इस साल मानसून के बाद मौसमी बीमारियों का प्रकोप ज़्यादा देखने को मिल रहा है। इन दिनों हर रोज लगभग 2000 से 2500 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में मरीजों को भर्ती करने की ज़रूरत पड़ रही है। इस बढ़ती हुई भीड़ ने अस्पताल की व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल के वार्डों में बेड की कमी के कारण एक ही बेड पर दो से तीन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। यहां तक कि कई गंभीर मरीजों को भी फर्श पर ही ड्रिप लगाकर और दवाएं देकर इलाज किया जा रहा है। इस स्थिति ने न सिर्फ मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी में डाला है, बल्कि अस्पताल के स्टाफ के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनीश जैन ने बताया कि मरीजों की संख्या में अचानक हुई बढ़ोतरी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि वे मरीजों की सुविधा के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अतिरिक्त बेड और स्टाफ की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। यह गंभीर स्थिति स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों से सतर्क रहने और अपने आसपास साफ-सफाई रखने की अपील कर रहे हैं। साथ ही, वे यह भी सुझाव दे रहे हैं कि सरकार को भी इस तरह के हालात से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी रखनी चाहिए।
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