चित्तौड़गढ़। प्रताप नगर स्थित एक निजी अस्पताल में गुरुवार को प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत हो जाने पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। परिजनों ने आर्थिक सहायता के साथ ही प्रसव करवाने वाले चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग की। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश कर स्थिति को नियंत्रित किया। शिशु को सुरक्षित निकाल लिया गया है तथा एनआईसीयू में उपचार जारी है।

जानकारी के अनुसार गणेशपुर निवासी नंदू बाई (30) पत्नी भरत पूरी को गुरुवार दोपहर प्रसव के लिए राजस्थान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां प्रसव के दौरान उसकी हालत बिगड़ने से मौत हो गई।
अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कामिल ने बताया कि महिला की पूर्व गर्भावस्था के दौरान भी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं रही थीं तथा उसे उदयपुर रेफर किया गया था। यह दूसरी डिलीवरी थी, जिसमें जोखिम की आशंका परिजनों को पहले ही अवगत करवाई गई थी। चिकित्सक के अनुसार महिला का बीपी अत्यधिक बढ़ा हुआ था और दृष्टि भी कम दिखाई देने लगी थी, इसलिए ऑपरेशन की सलाह दी गई थी, किंतु परिजन नॉर्मल डिलीवरी पर अड़े रहे। दोपहर 1 बजे उपचार शुरू किया गया और शाम करीब 6 बजे नॉर्मल डिलीवरी हो गई। इसके बाद बीपी अधिक बढ़ जाने से महिला की मौत हो गई।
घटना के पश्चात मृतका के परिजन अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना पर शहर उपाधीक्षक विनय चौधरी तथा थाना प्रभारी निरंजन प्रताप सिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और परिजनों से वार्ता कर शांति बहाल की।
उधर, मामले की जानकारी पर सीएमएचओ कार्यालय से एक जांच दल अस्पताल पहुंचा तथा प्रकरण की जांच प्रारंभ कर दी है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। मृतका का पोस्टमार्टम जिला चिकित्सालय में कराया जाएगा।
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