- Memorandum given regarding irregularities in the post of Anganwadi women supervisor
चित्तौड़गढ़। महिला पर्यवेक्षक पद की परीक्षा में हुई अनियमितता को लेकर महिला कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर आलोक रंजन को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया कि राज्यादेश संख्या डी ओ पी एफ 128 दिनांक 24-8-18 को बनाएं महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ कर्मचारी सेवा नियम के अंतर्गत कुल रिक्तियों का 50 प्रतिशत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से भरे जाने हैं, राज्य सरकार की वर्तमान में निकली विज्ञप्ति के अनुसार 22 जून-2024 को महिला पर्यवेक्षक के पद हेतु परीक्षा आयोजित हुई। इस परीक्षा में केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जिनके अनुभव दस वर्ष का है। उन्हीं को योग्य माना गया किंतु इस परीक्षा में अनियमितता किए हुए आंगनवाड़ी कर्मचारियों के अलावा भी अन्य महिलाओं को भी शामिल कर दिया है जैसा कि अन्य विभाग में संविदा पर लगे कम्प्यूटर ऑपरेटर, प्राईवेट विद्यालय मे पढाने वाले शिक्षक, 2 से 3 साल के अनुभवी कार्यकर्ता, जिससे वर्तमान में 10 वर्ष से अनुभवी एवं ग्रेज्युएट कार्यकर्ता के साथ गौर अन्याय हैं। बुधवार को प्रदेश महासंघ के आव्हान पर आंगनबाड़ी कर्मचारी युनियन संबंद्व भारतीय मजदूर संघ चित्तौडगढ़ के माध्यम से मांग करते है कि जिन महिलाओं ने परीक्षा में भाग लिया है उन्हें समेकित बाल विकास विभागिय जांच द्वारा करवा कर अयोग्य घोषित कराने की मंाग की साथ ही यह भी मांग की कि 2 वर्ष 2004 की भांति बिना विभागीय परीक्षा लिए वरिष्ठता के आधार पर एवं आयु सीमा में छूट प्रदान करते हुए महिला पर्यवेक्षक बनाया जावे।
परिणाम घोषित से पूर्व इसमें संशोधित नही किया गया तो पूरे राजस्थान में आंगनवाडी कर्मचारियों द्वारा आन्दोलन किया जाएगा।
इस दौरान वालों मे सुनिता भूतडा, करूणा सुहालका, टीना बुनकर, सुमित्रा कुमावत, देवकन्या, गोदावरी देवी, मंजू देवी, रूकमण, मनीषा मीणा, बालकंवर, लीला वर्मा, मानकंवर आदि उपस्थित थे।