दस साल से अधिक पुराने चैक अनादरण के मामले में अभियुक्त को संदेह का लाभ देकर किया दोष मुक्त
चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट) ने 10 वर्ष पुराने चैक अनादरण के प्रकरण में फ़ैसला सुनाते हुए अभियुक्त को दोषमुक्त किया हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवादी ओमप्रकाष खटीक पिता देवीलाल खटीक निवासी जुना बाजार, नीम के नीचे चित्तौड़गढ़ ने वर्ष 2012 में मोईनुद्दीन पिता अली मोहम्मद नीलगर निवासी न्यु क्लॉथ मार्केट चित्तौड़गढ़ के विरूद्व धारा 138 नेगोशियेबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत परिवाद न्यायालय में इस आशय का पेश किया कि मोइनुद्दीन ने परिवादी ओमप्रकाश खटीक से दिनांक 20 मई 2012 को राशि-50,000/-रू. नगद उधार प्राप्त किये, उक्त उधार ली गई राशि की अदायगी पेटे चैक दिया, जो अपर्याप्त राशि के कारण डिस ऑनर हो गया। मोइनुद्दीन के अधिवक्ता अबरार हुसैन अब्बासी ने न्यायालय मे तर्क दिया कि उक्त चैक मोइनुद्दीन के बचत खाते का नही है, जिस पर मीरा केबल नेटवर्क के दो पार्टनर की सील लगी हुई है। मीरा केबल नेटवर्क के 9 पार्टनर है, उक्त परिवाद में परिवादी ने मीरा केबल नेटवर्क को पक्षकार नहीं बनाया गया है। परिवादी अपना परिवाद प्रमाणित करने में पूर्णतया असफल रहा है। न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट, एन.आई. प्रकरण चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी, रीतिका श्रोती ने प्रकरण में शीघ्र सुनवाई करते हुए अधिवक्ता अभियुक्त अबरार हुसैन के तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त मोईनुद्दीन को संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त कर दिया।