Inspected the district Jail
चित्तौड़गढ़। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष महेन्द्र सिंह सिसोदिया के निर्देशानुसार प्राधिकरण के सचिव सुनील कुमार गोयल द्वारा गुरूवार को जिला कारागृह का निरीक्षण किया गया। प्राधिकरण सचिव द्वारा रसोईघर, बैरक, शौचालय एवं स्नानागार का निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा-निदर्ेश प्रदान किये गये तथा बंदियों से परिजनों की मुलाकात कक्ष का जायजा लेते हुए परिसर में संचालित चिकित्सा कक्ष का निरीक्षण किया गया, जिस पर चिकित्साकमिर्यों ने बताया कि कारागृह में सितम्बर 2023 से चिकित्सक का पद रिक्त है। सचिव ने जेलर को निदर्ेशित किया कि वतर्मान में अधिक गमीर् होने के कारण बंदियों को चिकित्सा संबंधी समस्या न हो इसलिए जल्द से जल्द मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात कर कारागृह में बंदियों के लिये चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित करावें। प्राधिकरण सचिव द्वारा सभी बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी देते हुए प्रत्येक बंदी से उसके जेल में आने के कारणों एवं उसकी तरफ से कोई वकील पैरवी कर रहा है अथवा नहीं आदि की जानकारी ली तथा ऐसे बंदी जिन्हें निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो, उनके लिए नियमानुसार विधिक सहायता आवेदन भरवाकर अधिवक्ता नियुक्ति की कायर्वाही हेतु निदर्ेशित किया। जिन बंदियों के जमानत आवेदन हो चुके हैं, उनके परिजनों से संपकर् कर जमानती पेश करवाने हेतु निदर्ेशित किया। इस अवसर पर जेल विधिक सहायता क्लिनिक का भी निरीक्षण कर उपस्थित पीएलवी को आवश्यक दिशा-निदर्ेश प्रदान किए गए। जेल उपाधीक्षक निरंजन शमार् ने बताया कि जेल की क्षमता 338 बंदियों की है, परन्तु वतर्मान में 433 बंदी निरुद्ध हैं जो क्षमता से अधिक हैं। ऐसे में बंदियों को काफी समस्या आती है। इस पर जेल हेतु जमीन आवंटन व निमार्ण के कायर् को शीघ्रातिशीघ्र करने हेतु पत्र प्रेषित करने बाबत् निदर्ेशित किया।