
चित्तौड़गढ़। राजस्थान विधानसभा में सदन की कायर्वाही के दौरान विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने गुरूवार को विधानसभा में प्रदेश में फर्जी डिग्रियों की जांच के नाम पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किये जाने से बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य पर पड़ने वाले विपरित असर से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सदन में अपनी बात रखी। विधायक आक्या ने सदन में कहा कि प्रदेश में फर्जी डिग्रियों के आधार पर संगठित गिरोह लंबे समय से सक्रिय होकर सरकारी नौकरी में बिना डिग्रीधारियों को नियुक्त करनेकी साजिश को अंजाम दे रहा है। इन फर्जी डिग्रियों के बारे में शिकायत होने पर डिग्रियों की जांच के नाम पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड व विभिन्न सरकारी एजेंसियां अपनी विभिन्न भर्ती प्रक्रिया की कार्य प्रणाली को ओर अधिक लंबित कर रही है, जिससे प्रदेश के बेरोजगार युवा जो इन भर्तियों की लंबे समय से प्रतिक्षा कर रहे है, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आक्या ने पिछले दिनों हुई रेडियोग्राफर, एनटीटी शिक्षक, पीटीआई, लैब टेक्निशियन, फायरमैन व सहायक अग्निशमन अधिकारी सहित कई भतिर्यों में फर्जी डिग्रीयों की जांच के नाम पर परीक्षा आयोजित होने के बाद उनको स्थगित करने पर सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि अभ्यथिर्यों को परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी असफलता की परिस्थितियों का सामना करना पड रहा है, वही दूसरी ओर सरकार फर्जी डिग्री बनाने वाले संरगनाओं के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रही है बल्कि उनको संरक्षण दे रही है। विधायक आक्या ने सदन के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि प्रदेश में फर्जी डिग्रियों की जांच के नाम पर जिन-जिन भर्ती प्रक्रियाओं को स्थगित किया गया है उनकी शीघ्र अति शीघ्र जांच करवाकर भर्ती प्रक्रियाओं को पुनः बहाल कर प्रदेश के असंख्य युवा बेराजगारों को राहत प्रदान कराने की मांग की है।