चित्तौड़गढ़। शहर के बूंदी रोड़ स्थित हज़रत नसीरशाह दाता रहमतुल्लाह अलैहे का 65वां उर्स मुबारक 29 जनवरी सोमवार से शुरू हुआ। वक्फ कमेटी के सदर गुलाम रसुल खान अशरफी ने बताया कि उर्स में परचम कुशाई की रस्म शहर काजी अब्दुल मुस्तफा चिश्ती करीमी, मेवाड़ के सुफी संत हजरत हाफिज सैयद सरदार अहमद कादरी चिश्ती अशरफी साहब के नवासे सज्जादानशीन मोहम्मद सलीम अशरफी, सज्जादानशीन मोहम्मद युसुफ अशरफी व मुहाफिजे मिल्लत मौलाना मोहम्मद इब्राहीम अशरफी रहमतुल्लाह अलैहे के बेटे जानशीन, मोहम्मद उमेर ने अदा की।
झण्डा शरीफ हजरत सैय्यद सरदार अहमद अशरफी साहब की खानकाह से लेकर दरगाह पहूंचे। इस मौके पर खजान्ची मोहम्मद यासिन छीपा, मोलाना जुबेर अशरफी अलअजहरी, मोलाना जुनेद अशरफी, मोहम्मद उमेर अशरफी, मोलाना हाफिज शोएब, ने सलातो सलाम फातेहा पेश करी।
इस मौके पर अशरफी युवा जमात के मेम्बर, मोहम्मद युनुस छीपा, अब्दुल हमीद खान, असलम छीपा, मोहम्मद उमर छीपा, शरीफ छीपा व अशरफी साहब के कई मुरीदेन मौजूद थे। सैकेट्री अब्दुल हमीद खान मंसुरी ने बताया कि 30 जनवरी मंगलवार को रात 10 बजे मशहुर कव्वाल कव्वाली पेश करेगे। रात्रि में गुस्ल की रस्म अदा की जाएगी। 31 जनवरी बुधवार को सुबह 10 बजे से कुल की रस्म की शुरूआत होगी। दोपहर 1 बजे कुल की रस्म अदा की जाएगी।