जल सुरक्षा योजना तैयार करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

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    Chittorgarh News
    ग्राम जल सुरक्षा योजना का प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम पंचायत घोसुण्डा, सेमलपुरा, अभयपुर में सम्पन्न 
चित्तौड़गढ़। अटल भूजल योजना के तहत ग्राम पंचायत घोसुण्डा, सेमलपुरा, अभयपुर में समस्त राजस्व गांव में भूजल विभाग-चितौडगढ एवम अर्पण सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम जल सुरक्षा योजना तैयार करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें में ग्रामीण महिलाओं व पुरूषों ने भाग लिया । जिला कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई अटल भूजल एंव भूजल विभाग के अधिकारी अंकित जैन व सत्यवीर सिंह चौहान द्वारा बताया गया कि गिरते भूजल स्तर की दर में रोकथाम करने व जल का अधिक दोहन नही हो और बर्षा जल को किस तरह से रोका जा सके। जन सहभागिता द्वारा भूजल प्रबंधन को मजबूत करना, जन भागीदारी से हर पंचायत के लिए जल सुरक्षा योजना तैसार करना होगा, और महिलाओं की भागीदारी होना चाहिए, साथ ही किसान वर्ग से कम पानी वाली फसलों को बढावा दिया जाना चाहिए, बारिश के पानी को इकटठा करना एंव जल संरक्षण एंव पुनर्भरण संरचनाएं छत से प्राप्त वर्षा जल द्वारा भूजल पुनर्भरण एंव ग्रामीण जलाशयों में रिचार्ज पोईंट द्वारा भूजल पुनर्भरण होनी चाहिए।
ग्राम पंचायत घोसुण्डा के सरपंच दिनेश भोई और अभयपुर सरपंच रघुवीर सिंह एंव सेमलपुरा सरपंच सन्तोषी धाकड द्वारा किस प्रकार से जल को बचाया जा सकता है एंव जल का महत्व हम सभी को मालूम होना चाहिए व गिरता भूजल स्तर एक चिन्ता का विषय है इसको किस तरह से भूजल स्तर को बढाया जा सके।

ग्राम विकास अधिकारी निलेश सोनगरा, अंकित बांगड द्वारा बताया गया कि सरकार की संचालित योजना में ग्रामीण सहभागिता से हम ग्राम पंचायत का विकास कर सकते है और फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से पानी की गुणवत्ता जांच की एंव पानी मापने का भूजल यंत्र द्वारा किस प्रकार से कुओं, बोरबेल का पानी का लेवल नापा जा सकता है ये सभी यंत्र ग्राम पंचायत को अटल योजना के तहत भूजल विभाग द्वारा उपलब्ध करवा दिये जिससे ग्रामीणों को सुविधा मिल सके।

इस योजना के अन्तर्गत राज्य के विभिन्न विभागों भूजल, कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, पंचायती राज एंव ग्रामीण विकास, जल ग्रहण विकास एंव मृदा संरक्षण, ऊर्जा एंव वानिकी विभाग द्वारा केन्द्रिय एंव राज्य की विभिन्न योजनाओं के आपसी समन्वय के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता से भूजल क्षेत्रों में कुशलतम जल प्रबन्धन को बढावा मिलेगा, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ग्रामीणों द्वारा सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह के समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम पंचायत व ग्राम स्तर पर आयोजित हो जिससे जानकारी मिल सके।

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