- भाजपा को गंवानी पड़ सकती है सीट
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ विधान सभा से भाजपा के प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी के भारी होने का मुद्दा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है, विभिन्न चुनावी जनसंपर्क सभा में गांव में उनके प्रति आमजन में उत्साह नहीं देखा जा रहा है, जनसंपर्क के दौरान उनकी सभाओं में काम भीड़ तो देखने मिल ही रहे है। कई गांवों में तो उनकी सभाएं आधा दर्जन व्यक्तियों में ही सिमट के रह जाती है। सोमवार को अभयपुर में भी यही हालत देखने को मिली।
लोगो का कहना है की अब बाहरी या पैराशूट प्रत्याशी को वोट देने का जमाना चला गया । उन्हें अपना जनप्रतिनिधि स्थानीय ही चाहिए इसलिए विधायक भी स्थानीय ही होना चाहिए, क्योंकि चित्तौड़ की जनता राजवी के पूर्व के कार्यकाल से भलीभांति वाकिफ है, मंत्री रहते हुए भी उन्होंने चित्तौड़ को कोई बड़ी सोगात नहीं दी थी। उनका सारा फोकस जयपुर में जाकर राजनीति चमकाना रहा। इसलिए चित्तौड़ के आमजन में प्रत्याशी के स्थानीय होने का मुद्दा और भी जोर पकड़ रहा है। क्योंकि अब जनता जान चुकी है कि प्रत्याशी होने के बाद और प्रत्याशी के जीतने के बाद जनता के सेम ने मंच से किए सारे कहे वायदे ठंडे बस्ते में चले जाते है, ओर सिर्फ उनसे खास लोग ही मिल पाते है, लेकिन स्थानीय होने के रोजाना वे अपने जनप्रतिनिधि से समस्याओं के समाधान के लिए मिल सकते है। राजवी के पास भी जनसंपर्क सभाओं में कहने के लिए कुछ नहीं है वे सिर्फ कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी पर ही कथित आरोप लगाते हुए दिखते है अगर उन्होंने शहर में विकास करवाया होता है तो मंच से और प्रचार सामग्री में वे विकास जरूर छपवाते ।
भाजपा प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी ने सोमवार को बस्सी मंडल के गढ़वाड़ा, धराना, उदपुरा साकल खेड़ा, नलदा, सेमलिया, डुंगा जी का खेड़ा, पालेर, पालेर की झोपड़ियां, गोपालपुरा, शादी, लाखा का खेड़ा, हासला, अचलपुरा, भीमपुरिया, बरखेड़ा, अभयपुर, बड़ी का खेड़ा, अंबाबेरी, मंगोदड़ा आदि गांवों में जनसंपर्क कर भारतीय जनता पाटीर् के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान कर भाजपा प्रत्याशी को भारी मतों से जीत दिलाने का आव्हान किया। जनसंपकर् के दौरान जनसभाओं को संबोधित करते हुए राजवी ने सभी से हाथ खड़े करवारकर राष्ट्र के नाम वोट देने की अपील कर संकल्प दिलाया मेरा वोट भारत माता को, मेरा वोट भाजपा को, मेरा वोट कमल को, मेरा वोट मोदी को, इसी नाम पर वे वोट मांग रहे हैं। ऐसे में कहीं भाजपा को कही ये सीट ना गवानी पड़ जाए।