मीरा के प्रिय भजनों से गूंज उठा मीरा मंदिर: नृत्य ने मीरा की जीवंत झांकी प्रस्तुत की

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चित्तौड़गढ़। मीरा महोत्सव के द्वितीय दिवस रविवार को प्रातः दुर्ग स्थित मीरा मंदिर मीरा के प्रसिद्ध एवं प्रिय भजनों से गूंज उठा, वही मीरा की नृत्य नाटिका एंव नृत्यों की प्रस्तुति ने एक बार फिर मीरा को जीवंत कर दिया। मीरा स्मृति संस्थान की ओर से आयोजित मीरा महोत्सव के तहत पद्मश्री नलिनी कमलिनी एंव सहयोगी कलाकारों द्वारा श्याम माने मत मारों कनक पिचकारी भजन की तर्ज पर होली नृत्य की प्रस्तुति ने कातिर्क मास में फाल्गुन मास की अनुभूति कराई। इस दौरान कलाकारों ने परिचित अंदाज में प्रस्तुति देकर दशर्कों का मन मोह लिया। इस बीच मीरा के प्रसिद्ध भजन पग
घुंघुरू बांध मीरा नाची रे भजन पर नलिनी की भाव नृत्य की प्रस्तुति ने ऐसी अनुभूति कराई मानों मीरा स्वंय जीवंत होकर अपने ही मंदिर में गिरधर संग नृत्य कर रही हौ। इस अवसर पर उज्जैन के शमार् बंधुओं ने मीरा के प्रसिद्ध भजन मारा जनम मरण रा साथी की प्रस्तुति देकर समूचे वातावरण को मीरा मयी बना दिया। उन्होंने अपने ही अंदाज में श्याम मानो चाखर राखों जी की प्रस्तुति पर दशर्क भी नृत्य करने लगे। कलाकार बादल ने नटवरी नृत्य प्रस्तुत कर गिरधर नागर को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। इसी बीच उन्होंने हनुमान जी की आराधना करते हुए हनुमान जी कभी
मेरे घर भी पधारों की प्रस्तुति दी। इस मौके पर मेवाड़ विश्व विद्यालय के प्रो. डाॅ. त्रिगुणाती जेमिनी ने सीतारवादन
के साथ राग माल कोष पर पग घुंघुरू नाची रे की शानदार प्रस्तुति देकर श्रोताओं खूब वाह वाही लूटी।

स्थानीय कलाकार कैलाश गंधर्व ने मीरा को नमन करते हुए उन्ही का प्रसिद्ध भजन मायी री मैने लियो गोविंदो मोल
की प्रस्तुति दी। वही अंतरार्ष्ट्रीय ओडिसी नृत्यांगना डाॅ. कुजुलता मिश्रा ने मनभावन प्रस्तुति देकर दशर्कों को आनंदित कर दिया। वे अब तक जयदेव, बृजविभूति, मीरा रत्न सम्मानित होने के साथ ही अमेरिका, रूस, कोरिया सहित अन्य देशों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। इस मौके पर गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधिश हेमंत प्रेक्षव के आगमन पर संस्थान की ओर से उनका प्रो. सत्यानारायण समदानी एंव सचिव अजुर्न मूंदड़ा ने उपरणा ओढाकर प्रतीक चिन्ह देकर आत्मीक स्वागत अभिनंदन किया। प्रारम्भ में कलाकारों को संस्थान अध्यक्ष, सचिव के साथ ही सह सचिव ओम प्रकाश औदिच्य, जे पी भटनागर, राकेश मंत्री, बलवंत सिसोदिया, अरविंद शमार्, रमेश जोशी सहित संस्थान के पदाधिकारियों ने स्वागत अभिनंदन किया।
धवल चांदनी में कृष्ण मयी नृत्य नाटिका ने किया रोमांचित मीरा महोत्सव के द्वितीय दिवस की संध्या वेला में भरत बाग में सुविख्यात नृत्य कला नैत्री पद्म श्री नलिनी कमलिनी द्वारा निदेर्शित कृष्ण मयी मीरा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति ने दशर्कों को रोमांचित कर दिया। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सौजन्य से कलाकारों ने नृत्य नाटिका की मनभावन प्रस्तुति दी जिसमें मीरा के सम्पूणर् जीवन वृत को जीवित कर दिया।

इस मौके पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के सौजन्य से कलाकारों ने बृज क्षेत्र का प्रसिद्ध मयूर नृत्य,
होली एंव चरकुला नृत्य की मनभावन प्रस्तुति दी, जिसमें फूलों की होली एंव बरसाने की लट्ठ मार होली का मन
भावन मंचन देखने योग्य था। शमार् बंधुओं द्वारा गणेश वंदना के साथ कायर्क्रम की शुरूआत हुई जिसमें
उन्होंने प्रथमेश पूज्य गणपति का आह्वान करने के साथ ही मीरा के प्रसिद्ध भजन राणा जी मेतो गोविंद का गुण
गाश्या, मोहे लागी लगन हरि चरणन की के साथ शमार् बंधुओं के प्रसिद्ध भजन सूरज की गमीर् से तपते हुए तन का मिल जाये तरूवर
की छाया के साथ ही भगवान शिव का समपिर्त झपले शिव शंभु का नाम की प्रस्तुति देकर भजनानंदी स्वर लेहरियों से
वातावरण को मीरा मयी बना दिया। प्रारम्भ मंे संस्थान अध्यक्ष सत्यनारायण समदानी ने मुख्य अतिथि सैनिक स्कूल के
प्राचायर् कनर्ल अनिल देव सिंह जसरोटिया व मोनिका जसरोटिया का स्वागत अभिनंदन किया। इससे पूवर् अतिथियों एंव
संस्थान के पदाधिकारियों ने भक्त शिरोमणि मीरा की छवी पर माल्यापर्ण कर दीप प्रज्वलन के साथ द्वितीय दिवस की भक्ति
संध्या का शुभारम्भ किया। समारोह में बड़ी संख्या में श्रोता एंव दशर्क मौजूद थे।

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