- दूसरे दिन पहुंचे 2000 से ज्यादा विजिटर्स आज अमावस्या पर 5000 आने की संभावना
राजसमंद। मार्बल नगरी राजसमंद के मेवाड़ क्लब चल रहे भारत के तीसरे बड़े स्टोन एंड टेक्नोलॉजी एग्जिबिशन स्टोमिन इंडिया- 3 के दूसरे दिन व्यापारिक पूछताछ को लेकर विजिटर्स और डेलिगेशन की खासी भीड़ देखने को मिली। ओपन एरिया में लगी बिग मशीन के साथ ही डॉम-ए ओर डॉम -बी में लगी स्टोन इंडस्ट्री की नवीन तकनीकों से लोग रूबरू हुए। सुबह से शाम तक लगभग हर स्टॉल पर उदयपुर, राजसन्द, सिरोही, दिल्ली, हरियाणा, जयपुर, आबू , केलवा , चित्तौड़, किशनगढ़ आदि मार्बल मंडियों से भी व्यापारी एग्जिबिशन में पहुँचे। दूसरे दिन करीब 2 हजार से ज्यादा विजिटर्स ने यहां शिरकत की तो वही शनिवार को अमावस्या पर फेक्ट्रीज मे ऑफ होने से यह संख्या 5 हजार तक पहुंचने की संभावना है।
देश विदेश की नामी कम्पनीज ने लगाई स्टॉल्स
स्टोमिन के आयोजक स्टोन हेल्पलाइन कॉर्पाेरेशन के सीईओ मोहन बोहरा ने बताया कि ओपन एरिया मे एस. कुमार, विक्रम, बी.एम. इंडिया, पॉलीमर प्रोसंेसर्स, मातेश्वरी इंजिनियरिंग, मारूति एसोसिएट्स, प्रेम इंजिनियरिंग ने माईनिंग एवं प्रोसेसिंग मशीनरीज का लाईव डेमो दिया। इसके साथ ही डॉम-ए और बी मे लगी 155 स्टॉल्स पर इलेक्ट्रीकल मोटर्स क्षेत्र मे भारत की अग्रणी रूबी, हिन्दुस्तान, मल्टीनेशनल इलेक्ट्रोनिक कम्पनी बीसीएच, सी एंड एस, माईनिंग क्षैत्र मे शान पार्टस, इंजिनियरिंग मे रोसावा इंजिनियरिंग, एसडीपी, परनामी, केमिकल मे सम्राट, यश, सीएनसी मे एम्पायर, केदार, आरएस, सुशा, ऑयल लुब्रीकेन्ट की पेट्रो प्लस जैसी नामी कम्पनीज अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही है तो वही तुलसी कॉर्पोरेशन ने 40 तरह के उत्पाद प्रदर्शित किये है।
नई संसद सीएनसी एनग्रेविंग से बनी डिजाईन का नायाब उदाहरण
मोहन बोहरा ने बताया कि एक्सपों मे इस तरह की नवीन तकनीक से युक्त सीएनसी मशीनों का लाईव डेमो दिया जा रहा है। जिनसे कम समय मे मूर्तिया, जालियां और इन्ग्रेविंग के ऐसे प्रोडक्ट बन रहे है, जैसे कीसी तस्वीर की हुबहु कॉपी। सीएनसी तकनीक के ही कारण हमारी नई संसद मे बनी इन्ग्रविंग डिजाईन कम समय मे इतनी खुबसूरत बनी जो वाकई मे सीएनसी इनग्रेविंग का एक नायाब और ताजा उदाहरण है।
बोहरा ने कहा कि मेवाड़ क्लब में देश विदेश की स्टोन टेक्नोलॉजी का जो प्रदर्शन हो रहा है, और जो मशीने यहां लगाई गई है, उनका व्यापारी जब अपने व्यापार में उपयोग करेंगे तो प्रोडक्ट को बनाने में समय की बचत होगी, क्वालिटी इम्प्रूव होगी, इंडस्ट्री के प्रोडक्ट हाई टेक होंगे, लागत कम होगी तो मुनाफा भी बढ़ेगा, यही नही राजसमन्द से लेकर किशनगढ़ तक इस पूरे मार्बल उत्पादन क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा।