चित्तौड़गढ़। न्यायालय ने सड़क दुर्घटना में मृत्यु के मामले में लेबर कोर्ट से राशि प्राप्त करने के उपरांत पुनः उसी दुघर्टना को लेकर मोटर वाहन दुघर्टना दावा अधिकरण में पेश क्लेम याचिका को पोषणीय मानते हुए आश्रितों को 15 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति राशि मय ब्याज दिलाये जाने का आदेश पारित किया। अधिवक्ता रजनीश पितलिया के अनुसार कन्नौज निवासी सत्यनारायण गोस्वामी के परिजनों ने एक क्लेम याचिका मोटर वाहन दुघर्टना दावा अधिकरण संख्या 01 निम्बाहेड़ा में इस आशय की पेश की कि 07 जुलाई 2012 को वंडर सीमेंट निम्बाहेड़ा में ट्रक की टक्कर से सत्यनारायण गोस्वामी की मृत्यु हो गई, जिस पर प्राथमिकी दजर् हुई और पुलिस ने ट्रक चालक के विरूद्ध चालान पेश किया। मृतक के परिजनों द्वारा ट्रक की बीमा कंपनी व वाहन मालिक तथा चालक को पक्षकार बनाकर क्लेम याचिका प्रस्तुत की, जिसमें बीमा कंपनी द्वारा यह आपत्ति ली गई कि मृतक वंडर सीमेंट में एल एंड टी कंपनी के पास नौकरी करता था और एल एंड टी कंपनी द्वारा चित्तौड़गढ़ लेबर कोटर् में क्षतिपूतिर् राशि के रूप में करीब साढ़े सात लाख रूपये जमा करवाए, जो प्राथीर्गण द्वारा प्राप्त कर लिये गए और न्यायालय को धोखा देने के लिये दोबारा पुनः मुकदमा पेश कर दिया गया। एक ही दुघर्टना से संबंधित दो दावे नहीं चल सकते। प्राथीर्गणों का क्लेम प्राथर्नापत्र खारिज किया जावे। मोटर वाहन दुघर्टना दावा अधिकरण संख्या 01 एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने उभय पक्षों की बहस सुनने के उपरांत अपने महत्वपूणर् आदेश में कानूनी प्रावधानों का विवेचन करते हुए पीड़ित पक्षकारान् के हक में निणर्य पारित करते हुए यह माना कि प्राथीर्गण द्वारा जो क्लेम राशि लेबर कोटर् से प्राप्त की गयी है, उसकी वजह से इस न्यायालय में दावा राशि प्राप्त करने में कोई रोक नहीं है, क्योंकि यहां पर प्राथीर्गणों द्वारा ट्रक की बीमा कंपनी से राशि प्राप्त करने की प्राथर्ना की जा रही है, जिससे प्राथीर्गण उसकी आय के हिसाब से 22 लाख 55 हजार रूपये की क्षतिपूतिर् राशि प्राप्त करने के अधिकारी है, लेकिन लेबर कोटर् में नियोक्ता द्वारा जमाशुदा राशि, जो प्राथीर्गणों ने प्राप्त कर ली है, वह 7 लाख 52 हजार 680 रूपये की राशि समायोजन योग्य है। उक्त राशि समायोजन के बाद प्राथीर् 15 लाख रूपये की क्षतिपूतिर् राशि अतिरिक्त रूप से आवेदन दिनांक से 6 प्रतिशत वाषिर्क ब्याज के साथ प्राप्त करने के अधिकारी है।
