चित्तौड़गढ़। ई-मित्र सेवा संस्थान द्वारा ईमित्र संचालको ने राजस्थान धरोहर प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को ज्ञापन सौप कर मांग की कि राजस्थान में 79 हजार 95 ई-मित्र वतर्मान में संचालित है तथा जिले में 1844 ई-मित्र संचालित है, जिनके परिवार की आजीविका का एक मात्र साधन ई-मित्र हैं। जिस कारण सभी ई-मित्र संचालकों को दुकान खर्चों के बाद परिवार को चलाना बड़ा मुश्किल हो रहा हैं एवं भारी आथिर्क समस्याओं से गुजरना पड़ रहा हैं। जिन्हें देखते हुए चित्तौड़गढ़ ई-मित्र सेवा संस्थान ने ई मित्र सेवाओं से सम्बन्धित जितने भी कायार्लय है उनको समय पर कार्य के लिए पाबन्द करने, कमीशन बढा कर 150 रूपये करने, न्यूनतम मानदेय देने, घटना या दुर्घटना होने पर उचित मुआवजा व सहयोग देने, ई मित्र रेट लिस्ट में अंकन करने, अगर सरकार द्वारा भविष्य में ई-मित्र संचालक कि ड्युटी सरकारी कैम्पो में लगाई जाती है तो 1500 रुपये का मानदेय व 500 रुपये यात्रा भत्ता देने, सर्विस अपडेशन के लिए माह के कुछ दिन निश्चित कर उन्हीं दिनो मे अपडेशन करने, राज्य व केन्द्र सरकार की ऋण सम्बन्धित निकलने वाली प्रत्येक योजना में प्राथमिकता देने, अनावश्यक बिना ठोस सबूत के अन्य शिकायत पर ई-मित्र संचालक का लाईसेंस निरस्त कर दिया जाता है।
उक्त शिकायत की सफाई भी ई-मित्र वालो की नही सुनी जाती है इसलिये रेट लिस्ट निधार्रण निरस्त करने की मांग की। इस दौरान रविन्द्र कोठारी, टींकु धामानी, अंकित दाधिच, सनाउल्ला खान, पंकज माली, सुरेशचन्द्र, बाबु भास्कर, नारायण तेली, पियुष अग्रवाल, बसंत कुमार लौहार, साजिद खान, पवन कुमार जैन, जाहिद मोहम्मद, राजेश सोनी, नंदकिशोर लोहार, सुरेश मीणा आदि मौजूद थे।