दुष्कर्म अभियुक्त एवं बाल अपचारी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

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चित्तौड़गढ़। विशिष्ठ न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम संख्या-1 के न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी ने अभियुक्त बाल अपचारी को दोष सिद्ध कर 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रू. के जुर्माने से दण्डित किया। विशिष्ठ लोक अभियोजक शोभालाल जाट ने बताया कि 18 अगस्त 2019 को पुलिस थाना गंगरार क्षेत्राधिकार निवासी प्रार्थी ने पुलिस थाना सदर में एक रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है तथा वह प्रतापनगर चित्तौडगढ में कमरा किराये लेकर अध्ययन कर रही थी, जिसके साथ कैलाश जाट व बाल अपचारी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना सदर ने अभियुक्त कैलाश को गिरफ्तार किया एवं अपचारी को डिटेन कर आरोप पत्र न्यायालय मे पेश किया। दौराने विचार न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 18 गवाह एंव 33 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये उभय पक्ष की बहस सुनने के बाद पोक्सों कोर्ट क्रमांक प्रथम के न्यायाधीश ने अभियुक्त कैलाश पिता शम्भुलाल जाट निवासी सेमलिया व बाल अपचारी निवासी सुवालिया को दोषी मानते हुए। धारा 354 भादस मे 3 वर्ष का कठोर कारावास व 5 हजार रूपये का जुर्माना, धारा 376डी भादस. में 20 वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार रू. का जुर्माने से दण्डित किया। अभियोजन व फरियादी की ओर से शोभालाल जाट, अधिवक्ता गुलशेर अली सैयद व यास्मीन शेख ने पैरवी की।

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