
चित्तौड़गढ़। राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों पर लाठीचार्ज करने से के विरोध में ज़िला मुख्यालय पर पहुंच चिकित्सकों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व श्री सांवलिया जिला चिकित्सालय में प्रातः को 2 घंटे के लिए चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार भी किया।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिनेश वैष्णव ने बताया कि अखिल राजस्थान राज्य सेवा चिकित्सक संघ के आह्वान पर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर स्थित श्री सांवरियाजी राजकीय चिकित्सालय में 2 घंटे के लिए कार्य का बहिष्कार किया गया। जबकि आपातकालीन सेवाएं चालू रही। उन्होंने बताया कि सोमवार को जयपुर में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे निजी चिकित्सकों पर पुलिस के द्वारा लाठियां भांजी गई, जिसमें महिला चिकित्सकों को भी नही बक्शा गया, उनके कपड़े तक फट गई। उन्होंने राइट टू हेल्थ बिल में संशोधन की मांग पर सरकार व चिकित्सकों में सहमति बनाई के लिए बातचीत करने को कहा, अपनी मांगो को निजी चिकित्सकों पर लाठियां भांजना संघ बर्दाश्त नहीं करेगा। जिसके विरोध में 2 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार करते हुए दोपहर को ज़िला कलेक्टर पहुंच ज़िला कलेक्टर अरविंद पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें सोमवार को जयपुर में चिकित्सकों पर लाठी भांजने के दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ़ कड़ी कार्यवाई की मांग की गई। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.ओपी भंडारी ने बताया कि जिला मुख्यालय पर सभी निजी हॉस्पिटल्स राइट टु हेल्थ बिल में संशोधन की मांग पर 2 दिनों से हड़ताल पर हैं। उन्होंने बताया कि वैसे भी राजकीय चिकित्सा ले तो राइट टू हेल्थ में ही आते हैं इमरजेंसी में किसी भी मरीज का नि:शुल्क ही इलाज किया जाता है।
ज्ञापन देने के दौरान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मधुप बक्शी, राजकीय चिकित्सालय के डॉ. अनीश जैन, डॉ. राकेश पारीक, डॉ. मीठा लाल मीणा, डॉ. देवेश शर्मा, डॉ. रमेशचंद, सेवानिवृत चिकित्सक डॉ.राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, डॉ. दिनेश कांठेड़, डॉ. अरविंद सनाढ्य, निजी चिकित्सालय से डॉ. प्रतिभा सनाढ्य, डॉ. बीएल बैरवा, डॉ. संदीप चंदोलिया, डॉ. पुनीता शर्मा सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे।