तेरस पर जमकर उड़ाया गुलाल, जनप्रतिनिधियों ने दी एक दूसरे को शुभकामनाएं

Share:

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Telegram
Iliyas Mohammad
इलियास

एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते भाजपा व कांग्रेस के जनप्रतिनिधि

चित्तौड़गढ़। राजस्थान के मेवाड़ में रंग तेरस पर्व का विशेष महत्व है, रविवार को शहर वासियों ने जमकर होली का गुलाल उड़ाकर उत्साह दिखाया, वहीं जनप्रतिनिधिगणों ने पार्टीवाद को भुलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाकर गुलाल उड़ाया।

शहर में मौजूद पुलिस जाब्ता

 

रविवार को चित्तौड़गढ़ में तेरस पर्व मनाया गया, जिसमें नगर परिषद की ओर से सुभाष चौक पर विशाल पांडाल लगाया गया, जहां पर शहरवासी डीजे की धुन पर नाचते हुए एक दूसरे को रंग लगाने आए, वही सूचना केंद्र पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंच के बैनर तले जनप्रतिनिधि गणों ने होली का मिलन होली मिलन समारोह मनाया, जिसमें विधायक चंद्रभान सिंह आक्या की मौजूदगी में पार्टी के पदाधिकारियों व आमजन ने भाग लेकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया और गुलाल लगाया, वही सुभाष चौक पर नगर परिषद द्वारा किए गए आयोजन में सभापति संदीप शर्मा जोकि कांग्रेस से है वे खुद चलकर कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा के नेताओ व भाजपा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या को रंग तेरस की शुभकामनाएं देने पहुंचे। वहीं विधायक ने भी नगर परिषद के सभापति संदीप शर्मा का मुंह मीठा कराकर बधाई दी। दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे पर गुलाल उड़ाया वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी एक दूसरे के साथ गले मिलकर रंगोत्सव मनाया। जिसको लेकर शहरवासियों में उत्साह और भी ज्यादा हो गया।

रंग तेरस पर शहर के सुभाष चौक पर डीजे पर झूमती महिलाएं

 

एक दूसरे को बधाई देते भाजपा नेता

रंग तेरस पर्व के मद्देनजर प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए, एसपी राजन दुष्यंत के निर्देश में शहर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्जुन सिंह शेखावत, एएसपी शाहना खानम, डीएसपी बुधराज टांक, शहर कोतवाल विक्रम सिंह मय जाब्ता तैनात रहे, वहीं कई स्थानों पर एमबीसी के जवान भी तैनात थे।

मेवाड़ में रंग तेरस का है विशेष महत्व

मेवाड़ में रंग तेरस का पर्व विशेष तौर से चित्तौड़गढ़ शहर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, जहां लोगों ने एक दूसरे के ऊपर जमकर गुलाल उड़ाया। इतिहास की बात करें तो मुगल आक्रांताओ ने जब चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया था, तब यहां की वीरांगनाओं ने अग्नि स्नान कर अपने सतीत्व की रक्षा की थी। इसके बाद मेवाड़ के सेनापति ने अपनी सेना के साथ अंतिम युद्ध का निर्णय लिया, तब चित्तौड़ दुर्ग पर जमकर रक्तपात हुआ था इसके बाद इसके बाद लगातार जौहर दिवस के 2 दिन बाद यहां पर रंग तेरस का पर्व मनाया जाता है।

  • वीडियो देखने केलिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें 

https://youtube.com/watch?v=x-W7G4qud3M&feature=shares

Leave a Comment