सरकार की योजना अच्छी लेकिन धरातल पर नहीं हुए कार्य, पट्टे देते समय जमकर हुआ भ्रष्टाचार : विधायक आक्या

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चित्तौड़गढ़। विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बुधवार को विधानसभा में स्वायत्त शासन विभाग की मांगों पर चर्चा के दौरान मांग संख्या 40 पर बोलते हुए ना केवल चित्तौड़गढ़ शहर की प्रमुख समस्याओं को सरकार के समक्ष रखा अपितु यूआईटी तथा नगर परिषद चित्तौड़गढ़ में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। भाजपा मीडिया प्रभारी मनोज पारीक ने बताया कि विधायक आक्या ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि शहर के आधारभूत विकास के लिए नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम यूआईटी होती है और ये जनहित के कार्य कैस करें यह देखना सरकार का विषय है। विधायक आक्या ने स्वायत्त शासन मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की हाल ही में कांग्रेस सरकार द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टे देने की बात की थी, सरकार की योजना भी अच्छी थी, लेकिन धरातल पर कार्य सही नहीं हुआ। पट्टे देते समय जमकर भ्रष्टाचार हुआ। आक्या ने पट्टा वितरण में भेदभाव करते हुए सरकार को सिर्फ अपने चहेते लोगों को ही पट्टा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन अगर हम गरीब व्यक्ति का काम नहीं करेंगे तो कुछ नहीं होगा। सरकार को ऐसी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए जिससे योग्य एवं वास्तविक पात्र व्यक्ति को पट्टा मिले। विधायक आक्या ने मांग की कि पिछले भाजपा शासन में उनके विधायक काल में चित्तौड़गढ़ शहर के चारों और राजमार्ग से जोड़ने के लिए फोरलेन सड़के बनाई गई थी, वे सड़के आज टूटी फूटी अवस्था में है उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार उन सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण करवाए ताकि वे सड़के पहले की भांति अच्छी हो। आक्या ने चित्तौड़गढ़ में पूरे शहर में सड़कों की खराब स्थिति को देखते हुए सड़कों में सुधार की मांग की और कहा कि सरकार ने बजट भी दिया है लेकिन सडके जैसी बननी चाहिए थी वैसी नहीं बन पाई है। यूआईटी चित्तौड़गढ़ में रिटायर कर्मचारियों का मुद्दा उठाते हुए विधायक आक्या ने स्वायत शासन मंत्री का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी पत्र लिखकरबताया कि यूआईटी चितौड़गढ़ में अधिकारी कर्मचारी रिटायर लगे हुए हैं, अधिकांश पट्टो एवं स्वीकृतियांे पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हस्ताक्षर हो रहे हैं तो यह काम बिना किसी भ्रष्टाचार के संभव होगा यह सोचने का विषय है। यूआईटी में ₹50, ₹100 स्क्वायर फीट के हिसाब से पट्टे देने के वसूले जा रहे हैं। विधायक ने मंत्री को बताया कि वे इस मसले पर पहले भी उन्हें लिख चुके हैं और आगे भी लिखेंगे लेकिन सरकार को यूआईटी में नियमित सरकारी कर्मचारी लगाने चाहिए ताकि यूआईटी का काम पारदर्शिता से बिना भ्रष्टाचार के हो सके। चित्तौड़गढ़ नगर परिषद को भ्रष्टाचार में लिप्त बताकर चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में कुत्तों की नसबंदी के मामले में 3000 कुत्तों की नसबंदी का भुगतान उठाने व पशुपालन विभाग के सर्वे में पूरे शहर में मात्र 2000 कुत्तों की संख्या ही हैं तो आखिरी कुत्ते 3000 कैसे हो गए यह जांच का विषय है? इसी प्रकार शहर में पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार को उठाते हुए उन्होंने कहा कि पौधारोपण के लिए तीन-चार-पांच हजार रुपए के बिल बनाकर उठा लिये गए हैं। उन्होंने सदन में उपस्थित अधिकारियों से इन मामलों की जांच कर दोषियों को दंडित कराने की मांग की, नहीं तो आने वाली सरकार के समय तो जांच होगी ही अभी जांच हो जाए तो ज्यादा अच्छा है। चित्तौड़गढ़ शहर में धार्मिक स्थानों पर हो रहे कब्जे एवं अतिक्रमण का मुद्दा उठाते हुए विधायक आक्या ने चित्तौड़गढ़ शहर में ठाकुर जी, लक्ष्मीनाथ जी, देवनारायण जी, हजारेश्वर महादेवभगवान आदि के नाम से कुल मिलाकर लगभग 100 एकड़ जमीन पर भूमाफिया द्वारा कब्जा कर उन जमीनों को बेचने का आरोप लगाते हुए इस पूरे प्रकरण में उन्होंने किसी जनप्रतिनिधि का नाम लिए बगैर बताया कि एक जन प्रतिनिधि जो चुनाव हार चुके हैं, उनके मिलने वाले इन जमीनों पर कब्जा करके इनको बेचने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने दो-तीन दिन पहले अखबारों में प्रकाशित अंश में दिखाते हुए बताया कि अभी भी भगवान लक्ष्मीनारायण की मंदिर की जमीन का विवाद पूरा अखबारों में छपा है, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। उन्होंने पहले भी सरकार से जांच की मांग की है, शहर के मध्य स्थित द्वारका धाम की जमीन का मामला उठाते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार मध्य रात्रि में नवाल सराय के सामने इन लोगो द्वारा निजी पैसों से पुलिया का निर्माण करा दिया गया और वहां पर गरीब बस्ती वालो को जबरन बस्ती खाली कराने का प्रयास किया गया जिसकी उनके द्वारा एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी और माननीय मंत्री महोदय को कार्यवाही के लिए भी लिखा गया। मंत्री महोदय से मांग की कि वे इन सभी मामलों पर लगाम लगाएं और जांच करें। गत भाजपा शासन में चित्तौड़गढ़ में गंभीरी नदी पर निर्माणाधीन गांधीनगर से चामटी खेड़ा को जोड़ने वाली पुलिया का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस पुलिया का निर्माण कार्य अधूरा चल रहा है। 2018 से पुलिया का कार्य जस का तस पड़ा है उसको भी पुरा कराए। इसी प्रकार निर्मल वन का मुद्दा उठाते हुए आक्या ने बताया कि निर्मल वन में यूआईटी ने करोड़ों रुपए खर्च किए है पर आज वो तहस नहस स्थिति में है उसको भी सुधारा जाए। विद्यायक आक्या ने सांसदों एवम् विधायको की तरह ही पार्षदों के लिए भी अलग से स्वतन्त्र फंड बनाने की मांग की ताकि वे अपने क्षेत्र का विकास करा सकें क्योंकि कांग्रेस पार्षदों के वार्डो में तो काम होते हैं पर भाजपा के नही। शहर के मध्य से बह रही गंभीरी एवम् बेडच नदियों की सफाई का मुद्दा उठाते हुए विधायक ने नदियों की सफाई की मांग की एवम् गंभीरी नदी पर रिवर फ्रंट बनाने की मांग की। कोटा राजमार्ग से कपासन चैराहे को वाया मानपुरा जोड़ने की मांग करते हुए आक्या ने बतायालगभग 100 करोड़ का बना हुआ है और इसमें दो पुलिया भी बननी है इसको भी सरकार बनाए। नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें वाल्मीकि समाज एवम् भिश्ती समाज के लोगो की भर्ती की जाएं।

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