Vacant posts of lecturers and senior teachers should be filled in government schools: MLA Akya
चित्तौडगढ़। चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने शुक्रवार को विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा क्षैत्र चित्तौडगढ़ के अनेक राजकीय विद्यालयो में व्याख्याताओ व वरिष्ठ अध्यापको के रिक्त पद होने का मुद्दा सदन में उठाया।
विधायक आक्या द्वारा तारांकित प्रश्न के माध्यम से सरकार से जवाब मांगा की चित्तौड़गढ़ विधानसभा के राजकीय विद्यालयो में व्याख्याताओ व वरिष्ठ अध्यापको के कितने पद रिक्त है तथा सरकार कब तक इन रिक्त पदो को भरने का विचार रखती है। इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलवार ने बताया की विधानसभा क्षैत्र चित्तौडगढ़ के राजकीय विद्यालयो में व्याख्याता के 116 व वरिष्ठ अध्यापक के 118 पद रिक्त है तथा विभागीय पदोन्नति समिति अथवा राजस्थान लोक सेवा आयोग से चयनित आशार्थी उपलब्ध होने पर प्राथमिकता से रिक्त पदो को भरा जा सकेगा।
मंत्री दिलावर के जवाब से असंतुष्ट विधायक आक्या ने पुरक प्रश्न प्रस्तुत करते हुए सदन में कहां की विभागीय अधिकारियो द्वारा जो रिक्त पदो की संख्या बताई गई है वह केवल स्वीकृत पदो को लेकर बताई गई है जिसमें वास्तविक तथ्यो को छिपाया गया है। 2020 के बाद जितने भी विद्यालय उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत हुए है उनमें अभी तक व्याख्याताओ के पद स्वीकृत नही हुए है इसलिए देखा जाए तो विद्यालयो में व्याख्याताओ के बहुत ज्यादा पद रिक्त है। सरकार इन विद्यालयो में व्याख्याताओ के पद कब तक स्वीकृत करेगी व स्वीकृती के बाद उन्हे भरने की क्या कार्य योजना रहेगी। साथ ही सरकार ने हाल ही में व्याख्याताओ के पद भरने हेतु पदोन्नति प्रक्रिया आरम्भ की है, पदोन्नति के बाद वरिष्ठ अध्यापक के पद रिक्त हो जाएगे। एक ओर जहां बोर्ड और स्थानीय परीक्षाएं सर पर है ऐसे समय में वरिष्ठ अध्यापको के पद ओर अधिक रिक्त हो जाने से क्या विद्यालयो की स्थिती ओर नही बिगड़ेगी सरकार ने इसके लिए क्या योजना बनाई है ?
इस पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सदन में गत कांग्रेस सरकार पर ठिकरा फोड़ते हुए कहां की गत कांग्रेस राज में शिक्षा की बहुत ज्यादा दुर्गति हुई। कांग्रेस सरकार ने राज्य के अनेक राजकीय विद्यालयो विशेषकर बालिका विद्यालयो को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर दिया जिससे अंग्रेजी व हिन्दी दोनो माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे परेशान रहे तथा लाखो बच्चो का भविष्य अंधकारमय हो गया। बालिका विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम करने के बाद अनेक बालिकाओ ने विद्यालय जाना ही बंद कर दिया तथा अभिभावक भी अपनी बालिकाओ को अधिक दुरी पर स्थित विद्यालयों में नही भेजना चाहते है। गत कांग्रेस सरकार ने अनेक विद्यालयो को क्रमोन्नत तो कर दिया था लेकिन उनमें विज्ञान संकाय नही खोला। उन्होने कहां कि कांग्रेस शिक्षा विरोधी है तथा वह विशेषकर गांव के बच्चो को अनपढ़ बनाना चाहती है, कांग्रेस के भ्रष्टाचार सार्वजनिक न हो इसलिए उसे पढ़े लिख बच्चे पसंद नही है।
शिक्षा मंत्री दिलावर ने विधायक आक्या को आश्वस्त किया की बच्चो के बेहतर भविष्य के लिए सरकार द्वारा आवश्यक कार्य किये जा रहे है तथा शीघ्र ही राजकीय विद्यालयो में समस्त रिक्त पदो को भर दिया जाएगा।
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