The condition of rural haat bazaar has deteriorated, no one is paying attention
चित्तौड़गढ़। जिला उद्योग विभाग द्वारा ग्रामोद्योग और युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण देने के उद्देश्य बनाया गया ग्रामीण हाट बाजार झर्झर अवस्था में होने के साथ ही अपनी बदहाली पर आसूं बहा रहा है। जिला मुख्यालय के समीपस्थ गांव कीर खेड़ा में वर्ष 2005 में उद्योग मंत्री नरपत सिंह राजवी द्वारा ग्रामीण हाट बाजार का उद्घाटन किया गया था। विशाल परिसर में बने बाजार में शुरूआत में यहां पुलिस के जवानों के रहने की व्यवस्था की गई, जिसके बाद पटवारी और अन्य सरकारी प्रशिक्षण के उपयोग के साथ ही वर्ष में एक बार खादी ग्रामोद्योग के मेले लगने से यहां का रख रखाव होता रहा।
1.42 हैक्टेयर में करीब 70 लाख की लागत से इसका निर्माण कराया गया था। जिस पर रख रखाव के लिये भी राशि का व्यय पूर्व में किया गया था, लेकिन बीते करीब 5 वर्षाे में यहां पर किसी प्रकार का आयोजन नहीं होने से अब बाजार झर्झर अवस्था में पहुंच चुका है। ग्रामीण हाट बाजार परिसर में आवश्यकताओं के अनुसार हर कक्ष, बाजार, दुकानों का निर्माण कराया गया, लेकिन अब यहां के हालात बद से बदत्तर हो चुके है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सरकारी भवन को यदि स्थानीय लोगों के मांगलिक कार्यो के लिये भी उपयोेग में दिया जाता तो सरकार को आय हो सकती थी, लेकिन उन्हें कभी इसका उपयोग करने नहीं दिया गया। आसाजिक तत्वों का अड्डा बनने के साथ ही यहां की खिड़की, दरवाजे, विद्युत व्यवस्था हर तरह से चरमरा गई है। परिसर मंे अलग-अलग बने भवनो में से कई भवन तो झाड़ियों की आड़ में होने से उन तक पहुंचना भी नामुमकिन हो चुका है। कहने को सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से गार्ड नियुक्त कर रखा है लेकिन विशाल परिसर की सार संभाल करना उसके बस में नहीं। बहरहाल समय रहते जिला प्रशासन व उद्योग विभाग यदि इसकी सुध नहीं लेगा तो आने वाले समय में यहां मात्र ग्रामीण हाट बाजार के बोर्ड के अस्तित्व के अलावा कुछ नजर नहीं आएगा।
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