सज्जनों की संख्या धर्म को बढ़ाती है: आचार्य श्री सुनील सागर

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सज्जनों की संख्या धर्म को बढ़ाती है : आचार्य श्री सुनील सागर

चित्तौड़गढ़़। सज्जनों की संख्या धर्म को बढ़ाती है। सबसे पुण्यशाली हम लोग है जो भगवान की भक्ति कर रहे है। भक्ति भाव में बितना ही जीवन की साथर्कता है। उक्त बात प्राकृत ज्ञान केसरी, प्राकृत मार्तंड राष्ट्र संत आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने नव निमिर्त श्री आदिनाथ जिनालय का भव्यतम श्रीमद् आदिनाथ जिनबिम्ब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के तहता शुक्रवार को जन्म कल्याण महोत्सव के तहत आयोजित मंगल प्रवचन के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।

चित्तौड़गढ़। धर्मसभा का आनंद उठते श्रोता।

उन्होंने कहा कि महावीर स्वामी जैसे विरले होते है जो तारने व तराने तथा नवकार के लिए जन्म लेते है। यह उनके पुण्य प्रताप ही है जो हजारों वषर् से हम उनका जन्म कल्याण महोत्सव मना रहे हैं, आचायर् श्री ने कहा कि जब जब धरती पर पाप बढ़ जाता है तब तब भगवान व तीथर्ंकर के माध्यम से सारी दुनिया को मोक्ष का मागर् मिलता है। जिसने जितने ऊंचे विचार बनाये, सोच ऊंची बनाई उसका उतना ही ऊंचा अभिषेक हुआ है। जनसंख्या नही सज्जन संख्या बढ़नी चाहिए। सज्जनों की संख्या धमर् को बढ़ाती है। जिनके जीवन में उत्साह है उनके लिए कुछ भी दुलर्भ नहीं। जो धमर् को नहीं छोड़ेगा तो धमर् भी उसको नहीं छोड़ेगा। जो धमर् की रक्षा करेगा, धमर् उन लोगों की रक्षा करेगा। आज सब जगह मिलावट है लेकिन बिना मिलावट वाली जिनवाणी मिल जाए तो यह जीवन का सौभाग्य है। विलासितापूणर् जीवन शैली से व्यक्ति स्वयं आलसी बन जाता है। विलासिता पूणर् जीवन शैली से श्रम व जिम्मेदारी का महत्व खत्म हो जाता है। पहले दिनचयार् श्रमता पर आधारित हुआ करती थी लेकिन आज विलासिता पर आधारित है। इससे इंसान आलसी होता जा रहा है। इसने मनुष्य को शारीरिक, मानसिक, और आथिर्क रूप से पंगु बना दिया है। जब व्यक्ति सुख वैभव भोगता है तो उससे बाद में शारीरिक परिश्रम नहीं हो पाता । व्यक्तित्व में ज्यादा लीपापोती के स्थान पर नैचुरल ब्यूटी को ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। सुन्दरता के लिए फालतू चीजों का इस्तेमाल नही करना चाहिए। यदि करना भी पड़े तो उस प्रोडक्ट की संपूणर् जानकारी प्राप्त करके ही इस्तेमाल करना चाहिए। सुन्दरता तो भीतर से आती है, बाहर से लीपा पोती करने से या दिखावा करने से नही आती है। प्रभु भक्ति के लिये चाव एवं भाव बने रहे ऐसी ही मंगल कामनायें करते है। महोत्सव समिति अध्यक्ष डॉ. ज्ञान सागर व सुनील पाटनी ने बताया कि शुक्रवार को जन्म कल्याण महोत्सव के तहत भगवान का जन्मोत्सव, जन्म कल्याण की शोभायात्रा निकाली गई। दोपहर में पाण्डुक शिला पर जन्माभिषेक, नामकरण आदि का वृतान्त वणिर्त किया गया। अनुज जैन, पूणर्ेश गोधा, शैलेष पाटनी, आशा वेद, रंजना रमावत आदि ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया। डॉ. नेमीचंद अग्रवाल ने बताया कि आज दीक्षा कल्याणक महोत्सव के तहत आचायर् श्री के मंगल प्रवचन के साथ ही शांति हवन, युवराज अभिषेक, मंगलाष्टक, भगवान की दीक्षा विधि कायर्क्रम आयोजित किये जायेंगे, रात्रि को टीवी एवं फिल्म कलाकार राजा रेंचो का हास्य व्यंग्य कायर्क्रम आयोजित किया जायेगा।

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