In the upcoming opium policy, the old cancelled leases should also be restored: MP Joshi
नई दिल्ली/चित्तौडगढ़। आगामी अफीम नीति में किसानों को राहत पहुंचाने का प्रयास हों तथा किसानों के हितों को प्राथमिकता मिले चाहिये इसके साथ ही किसानों के पुराने कटे हुये पट्टे भी बहाल हो, उक्त बात चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने आगामी वर्ष 2024-25 के लिये जारी होने वाली अफीम नीति के विभिन्न सुझावों के लिये केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान कहीं।
सांसद जोशी ने बैठक के दौरान अपने सुझाव पत्र में कहा कि अफीम किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये क्षेत्र के किसानों के द्वारा दिये हुये सुझावों का समावेश आगामी अफीम नीति (2024-25) में करने की आवश्यकता हैं।
– लाइसेसं को ऑनलाईन कर दिया जाये तथा नाम को भी ऑनलाईन प्रदर्शित किया जाना चाहिये। इसके साथ ही कैम्प लगाकर किसानों के समस्त डाटा को विभाग के स्तर पर ही दुरस्त करना चाहिये, जिससे समस्त प्रकार की अशुद्धियां का एकबारगी निराकरण हो सके।
– सभी प्रकार के पट्टे घटीया मार्फीन से हो या कम औसत से हो या अन्य किसी प्रकार से कटे हों उन्हे बहाल किया जाये।
– अफीम फसल की नपाई, कच्चे तौल, तौल एवं फैक्ट्री जाँच के सिस्टम को पारदर्शी बनाया जाये। अफीम खेती में अनियमितता बरतनें वालों पर कठोर कार्यवाही की जाये।
– सीपीएस पद्धति में जिन किसानों ने अच्छी फसल की पैदावार दी हो उनको पुरानी परम्परागत चीरा पद्धति में लाईसेंस दिये जाये।
– दो प्लॉट में किसान को खेती करने का अधिकार दिया जाये।
– यदि किसान का खेत दो राजस्व ग्रामों के आता हैं तो वहॉ पर भी किसान को खेती करने का अधिकार प्रदान किया जाये।
– मार्फिन को घटाकर 4 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर किया जाये।
– अफीम फसल बुवाई के 45 दिनों के अन्दर गिरदावरी कार्य पूर्ण कर लिया जाये।
– वर्तमान लाईसेंस धारक का डेटा अपडेट हैं, इसलिये बार बार किसानों से डॉक्यूमेंट नही मांगे जाये।
– किसान की मृत्यु के उपरान्त नामान्तरण के बाद न्यूनतम क्षेत्र के लाईसेंस की बजाय उसकी उपज(योग्यता) के अनुसार अफीम लाईसेंस जारी करवाया जाये।
– लाईसेंस प्राप्त किसान को पानी की कमी के कारण अन्य गांव में फसल बोने की छूट पदान करवायी जाये, या उसी तहसील में अन्य गांव में लीज पर जमीन लेकर बोने का अधिकार प्रदान किया जाये।
– किसानों को घटीया के कारण पुराने पट्टे बहाल होने पर घटीया का पैनल्टी आदेश अपने विभाग के स्तर पर ही प्राप्त करें, इसके लिये इसे किसान से नही मांगा जाये।
सांसद जोशी ने वित्तराज्य मंत्री के माध्यम से केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुये बताया की पिछले 2014 से 2024 तक विगत 10 वर्षो के दौरान 20 हजार से लाईसेंस को बढ़ाकर 1 लाख 7 हजार तक पंहुचाने का कार्य किया है।
सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष की पॉलिसी में किसानों को बड़ी राहतें प्रदान की गयी हैं तथा शेष जो पट्टे पहले किसी कारण से कट गये व अभी तक बहाल नही हुये हैं उनको भी बहाल किये जाने की मांग की।
इस बैठक में केन्द्रीय वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ मन्दसौर-नीमच सांसद सूधीर गुप्ता, उदयपुर सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत के साथ वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल, राजस्व विभाग के सयुक्तं सचिव नवल किशोर राम, नारकोटिक्स कमीश्नर दिनेश बौद्ध, नारकोटिक्स कन्ट्रोल डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह समेत राजस्व विभाग एवं नारकोटिक्स के अधिकारी उपस्थित रहे।
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