खरीदा हुआ कपड़ा रखकर न पैसे लौटाये और न कपड़ा, जबरन दबाव पर मेगा मार्ट पर लगाया जुर्माना

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Neither money nor clothes were returned after keeping the purchased clothes, Mega Mart was fined for forcefully giving them away

चित्तौड़गढ़। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रभुलाल आमेटा एवं सदस्यगण अरविन्द भट्ट, राजेश्वरी मीणा ने अपने एक निर्णय में जबरन खरीददारी का दबाव बनाने, खरीदा हुआ कपड़ा रखकर न कपड़ा देने और न ही पैसे लौटाने पर विपक्षी विशाल मेगा मार्ट को माल की कीमत 119 रुपये, अधिवक्ता व वाद व्यय सहित मानसिक संताप के 1500 रुपये मय ब्याज के दो माह में दिये जाने का आदेश दिया।
प्रकरणानुसार परिवादी राजन सिंह पिता रामचन्द्र चंदेल निवासी गांधीनगर ने एक परिवाद आयोग में अपने अधिवक्ता संजय आगाल के मार्फत इस आशय का पेश किया कि परिवादी ने विपक्षी विशाल मेगा मार्ट से 119 रुपये कीमत का एक हाफ लॉवर खरीदा। इस पर विपक्षी ने परिवादी पर ओर कपडे खरीदने का दबाव बनाया। परिवादी के द्वारा ओर कपडे ना खरीदने पर विपक्षी ने खरीदा हुआ हाफ लॉवर परिवादी को देने से मना कर दिया तथा पैसे भी नही लौटाये। इस पर परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध वांछित अनुतोष प्राप्त करने के लिए उक्त परिवाद प्रस्तुत किया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला आयोग द्वारा परिवादी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए विपक्षी के द्वारा सेवादोष करना माना और परिवादी के पक्ष में निर्णय पारीत किया।

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