चित्तौड़गढ़। जिला चिकित्सालय स्थित महिला एंव बाल चिकित्सालय में एक बार फिर कलयुगी मां ने अपने लाल को बिलखता छोड़ दिया, लेकिन पालना गृह में गूंजी किलकारियों से उसे चिकित्सकीय देखभाल में ले लिया गया। डॉ. जयसिंह मीणा ने बताया कि 7 नवंबर को शाम को लगभग 5ः15 पर पालना गृह की घंटी बजी। मौके पर लेबर रूम इंचार्ज नर्स फरजाना बानू मौजूद थी। जिसने जाकर पालना गृह को चेक किया तो नवजात बालक कपड़ों में लिपटा हुआ बिलख रहा था। उसे तुरंत एनआईसीयू में भर्ती करवाया गया। नर्स ने तुरंत बाल कल्याण समिति और सदर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी।
उन्होंने बताया कि जब बच्चा मिला तब वह पूरी तरह स्वस्थ था। उसे मदर मिल्क बैंक से दूध लाकर पिलाया गया। उसका वजन 2 किलो 980 ग्राम था। डॉ. मीणा ने बताया उसे हल्का पीलिया भी हुआ था, जिसके कारण बालक को गहन चिकित्सा
ईकाई में रखा गया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। इस कारण मंगलवार को उसे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रियंका
पालीवाल और सदस्य सीमा भारती को सौंप दिया गया। सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने बताया कि बच्चों का
नाम रखा। वह हमें कातिर्क महीने में मिला, इसलिए उसका नाम यही रखा है। अब नवजात को शिशु गृह में रखा जाएगा। उसका सुरक्षित परित्याग करने के कारण माता-पिता पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। बच्चों को 6 महीने बाद लीगल फ्री करने की कार्यवाही शुरू कर देंगे।
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