Jal Abhishek of Neelkanth Mahadev was done with 21 thousand liters of holy water of Narmada river
चित्तौड़गढ़। श्रवण मास के अंतिम रविवार को दुर्ग स्थित प्राचीन नीलकंठ महादेव के लिये मध्यपद्रेश से नर्मदा नदी का जल लाया गया। महंत जगन्नानथ भारती ने बताया नर्मदा नदी से 21 हजार लीटर जल ट्रक में लाया गया।
रविवार को दुर्ग स्थित रामपोल से 21 हजार लीटर जल को गाजे बाजे के साथ नीलकंठ महादेव लाया, जहां महादेव का सहस्त्रधाराभिषेक किया गया। अभिषेक में सैकड़ों श्रृद्धालु शामिल हुए। मंदिर परिसर में बटुक वैदिक मंत्रोचार के साथ महादेव के पाठ कर रहे थे। अभिषेक के बाद महादेव का विशेष श्रृंगार किया गया। श्रृंगार के बाद आरती की गई।
शहर में निकली कावड़ यात्रा
श्रावण मास के अंतिम रविवार को शहर में कावड़ यात्रा निकाली गई। बोजुन्दा के सवर्समाज द्वारा 151 कावड़ की यात्रा आरंभ की। कावड़ यात्रा दुर्ग स्थित गौमुख कुंड से रवाना हुई। सभी कावड़ियों ने गौमुख कुंड से बह रहे जल से कावड़ भरी। कावड़ यात्रा में सर्व समाज की महिलाएं चल रही थी। यात्रा में डीजे साउंड, ढोल नगाडों और बैंड पर भजन के साथ कावड़िये चल रहे थे। इधर महादेव के रूप में सजीव झांकी कावड़ यात्रा के साथ चल रही थी। यात्रा पाड़नपोल, मिठाई गली, सदर बाजार, सुभाष चौक, गोल प्याऊ चौराहा से गंभीरी नदी पुलिया होते हुए कलेक्ट्री चैराहा से बोजूंदा स्थित अमरनाथ और निरमेश्वर महादेव पहुंची। कावड़ यात्रा में महादेव के नाम के जयकारे गूंजते रहे। कावडों में लाए गए पवित्र जल से महादेव का सहस्त्रधाराभिषेक किया गया। कई जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। महिलाओं व बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया।
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