

चित्तौड़गढ़। देश के बदलते परिपेक्ष्य में आज दुर्ग की प्राचीर में जहां कभी दर्द हुआ करता था, आज उसमें उत्साह देखने को मिला। यह बात केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जौहर श्रद्धांजलि समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि भगवा धारण व भारत के सम्मान के लिये बलिदान की परम्परा ने आज संस्कृति को जीवित रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि सनातन की संस्कृति को बचाने के लिये देश में बीजा रोपण करने वाली तीन शक्तियां विद्यमान है। उन्होंने कहा कि जमाना बदलने के साथ ही सम्मान फिर से बढने लगा है, जिसका उदाहरण अयोध्या में भगवान राम मंदिर का निर्माण व देश में एकलिंगनाथ का मान बढा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में परिवर्तन हो रहा है, आज वो मान सम्मान पुनः लौट रहा है। उन्होंने कहा कि देश में नये इतिहास को बढाने का सौभाग्य मिल रहा है, ऐसे में जिस क्षेत्र में काम करे वहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।


समारोह को केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राजपूत समाज को सभी को साथ लेकर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि जो समय की कीमत समझेगा समय भी उसी का साथ देगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जोश की नहीं होश की जरूरत है, समाज को शिक्षा, साामाजिक, राजनीतिक, खेल, प्रशासनिक क्षेत्र में आगे बढाना होगा तभी समाज का नाम होगा। उन्होंने समाज के लोगों को गांव की जमीन कभी नहीं बेचने का संकल्प दिलाया।

समारोह को महंत प्रतापपुरी महाराज, महामण्डलेश्वर कुशाल गिरी महाराज ने अपने औजस्वी उद्बोधन ने सभी को देश की संस्कृति को आगे बढाने का संकल्प दिलाया। साथ ही समारोह में मेवाड़ राजघराने के कुमार विश्वराज सिंह मेवाड़, महिमा मेवाड़, मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने भी संबोधित किया। इस दौरान मंच पर अति विशिष्ट अतिथि क्षत्रिय युवा संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर, पंजाब के पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर, पूर्व मंत्री व विद्याधर विधायक नरपत सिंह राजवी,पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, सांसद चंद्र प्रकाश जोशी, चित्तौड़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या सहित क्षत्रिय समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।


इससे पूर्व जौहर स्मृति संस्थान द्वारा चैत्र कृष्णा एकादशी पर आयोजित जौहर श्रृद्धाजंली समारोह से पूर्व शाही ठाठ-बाठ ने निकली भव्य शोभायात्रा ने शहरवासियों को क्षत्रिय परम्परा की झलक का दिग्दर्शन कराते हुए इस बात की अनुभूति कराई कि किसी न किसी रूप में आज भी मेवाड़ की शाही क्षत्रिय परम्परा जीवंत है। महाराणा भूपाल छात्रावास से प्रारम्भ हुई शोभायात्रा कलेक्ट्रेट चैराहा, रोड़वेज बस स्टैण्ड, सुभाष चौक, गोलप्याउ होतंे हुए विभिन्न मार्गो से जब दुर्ग के प्रथम प्रवेश द्वार पाडन पोल पहुंची तो वहां दुर्ग प्रवेश का नजारा भी किसी चतुरांगिनी सेना के रूप में रणबाकुरों की फौज से कम नहीं था।

- बारिश ने डाली समारोह में खलल
श्रद्धांजलि समारोह अपने समापन ओर ही बढ़ रहा था तब ही अचानक से आसमान से पानी बरसने लगा गया, समारोह के अंतिम दौर में मंच पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संबोधित करने आए तब आसमान खामोश था, उनके संबोधन के दौरान वर्षा तेज हो गई। इस पहले ही कई महिलाएं तो समारोह से जा भी चुकी थी। वर्षा का खलल पड़ने से अति विशिष्ट अतिथि भगवान सिंह रोलसाहबसर, विशिष्ट अतिथि पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर, सांसद सीपी जोशी, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, विधायक नरपत सिंह राजवी, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या मंच पर अपना संबोधन नहीं दे पाए, वहीं समारोह में सम्मानित होने वाले भी कई प्रतिभाओं का सम्मान भी रह गया । बारिश के कारण पांडाल में मौजूद लोग कुर्सी से भीगने बचाव करते दिखे तो कई फतेह प्रकाश महल के छज्जे के नीचे बारिश से बचते नजर आए।
