कार्यकर्ता और जनभावना सर्वोपरि: मेरे जीवन में गहलोत उसके बाद: जाड़ावत

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  • जाड़ावत भी चंद्रभान की राह पर,
  • दोनों प्रमुख पार्टियों के लिए अपने ही जिम्मेदार बने सिरदर्द

 

Iliyas Mohammad
इलियास

चित्तौड़गढ़। विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में अब तक हालांकि कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है, लेकिन उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार बहुप्रतिक्षित पूर्व विधायक एवं राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त राजस्थान धरोहर प्रोन्नति बोर्ड अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत का नाम सूची में नहीं होने को लेकर क्षेत्र के कार्यकर्ताओ में पिछले तीन दिनों से घोर निराशा के साथ आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते जाड़ावत के समर्थन में बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता लगातार बैठकें आयोजित कर शीर्ष नेतृत्व पर जाड़ावत को टिकट देने का दबाव बनाया जा रहा है।

इसी कड़ी में शुक्रवार को स्थानीय निजी वाटिका में आयोजित विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन में उमड़े समर्थको को देखकर स्वयं जाड़ावत ने भी कहा कि उनके लिए कार्यकर्ता और जनभावना सर्वोपरि है, भले ही वे अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास होने का दावा करते रहे हों, लेकिन वर्तमान हालात में गहलोत उनके जीवन में बाद में है, पहले कार्यकर्ताओ का मान-सम्मान और भावना है।

उन्होंने कहा कि उनके प्रति कार्यकर्ताओ का अटूट विश्वास और जनसमर्थन उनकी पांच दशक तक कांग्रेस की सेवा का प्रतिफल है और संभवतः जनता के अधिक लगाव के चलते ही टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कार्यकर्ता आत्मदाह जैसी चेतावनी देने लगे हैं। ऐसी वीडियो देखकर वे भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने की सुगबुगाहट है जिसकी कोई जान-पहचान नहीं है। जिसको प्रत्याशी घोषित करने पर सरकार के संकल्प के साथ चित्तौड़ सीट पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा क्योंकि यहां पार्टी से अधिक चेहरे पर वोट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में रिवाज बदलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन प्रदेश एवं केंद्रीय आलाकमान ने उनका टिकट काटकर उस पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया। ऐसा लगता है की जनभावना के अनुरूप अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो पायी है, लेकिन 6 नवंबर तक टिकट प्राप्ति की उम्मीद के साथ अगर ऐसा नहीं होता है
तो जनभावना के अनुरूप वे अगला कदम उठाएंगे। उन्हें अभी-भी विश्वास है कि आलाकमान हजारों समथर्कों की
भावना का सम्मान करते हुए उन्हें प्रत्याशी घोषित करेंगे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए सभापति संदीप शमार् ने कहा कि जब से क्षेत्र में जाड़ावत के टिकट कटने का संदेश मिला है, सभी कायर्कतार्ओं के लिए यह सूचना आश्चयर्जनक है, क्योंकि सभी को यह उम्मीद थी कि जीताऊ चेहरे के रूप में जाड़ावत को ही टिकट मिलना लगभग तय था क्योंकि सर्वे में भी उन्हीं का नाम आगे था लेकिन राजनीतिक जयचन्दों ने टिकट कटने जैसी नौबत पैदा कर दी, लेकिन आलाकमान द्वारा गलत निर्णय करने पर जाड़ावत को चुनावी रण में उतरना ही होगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा क्षेत्र में कांग्रेस को खत्म करने की साजिश की जा रही है लेकिन कार्यकर्ता ऐसा नहीं होने देंगे। विजयलक्ष्मी चौधरी ने कहा कि जाड़ावत के लिए कार्यकर्ता रीढ़ की हड्डी हैं और जनभावना को देखते हुए आलाकमान को चाहिए कि वे इस गलती को सुधारकर जाड़ावत को प्रत्याशी घोषित करे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर जाड़ावत को टिकट
नहीं दिया तो पार्टी की दुदर्शा से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यहां तक कहा कि जाड़ावत के चुनाव लड़ने पर वे पूर्व जिलाध्यक्ष के नाते प्रस्तावक बनेगी। जाड़ावत ने टिकट नहीं मिलने की स्थिति में बगावती तेवर दिखाते हुए कहा कि कार्यकर्ता जो कहेंगे उसी अनुरूप अगला कदम उठाया जाएगा।
जाड़ावत पर चुनाव लड़ने का दबाव
सम्मेलन में हजारों की संख्या में मौजूद पदाधिकारियों एवं कायर्कतार्ओं ने एक स्वर में जाड़ावत को हर हाल में चुनाव लड़ने का गवाह बनाते हुए चेतावनी दी कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो कायर्कतार्ओं को भूख हड़ताल,आत्महत्याओं जैसे कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में टिकट नहीं मिलने के बावजूद जाड़ावत को चुनावी समर में उतरना ही होगा। इस मौके पर प्रेमप्रकाश मूंदड़ा ने कहा कि क्षेत्र में जाड़ावत की वजह से ही कांग्रेस उच्च स्तर पर है। ऐसे हालात में उनका टिकट काटकर जातीय चश्मे से निणर्य करना गलत होगा क्योंकि जाड़ावत पिछले पांच दशक से पाटीर् के सेवक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी व्यक्ति को टिकट देने पर उन्हें कोई कायर्कतार् नहीं मिलेगा। मंडल अध्यक्ष विक्रम जाट ने कहा कि जाड़ावत का टिकट काटकर आलाकमान राजनीतिक हत्या जैसी गलती कर रहा है, लेकिन जनता की भावना के अनुसार चुनाव लड़ना ही होगा। जनता की भावना का सम्मान नहीं किया गया तो चुनाव के दौरान काॅलिंग बूथ पर कायर्कतार् व प्रत्याशी नहीं दिखाई देंगे। त्रिलोकचंद्र जाट ने कहा कि जाड़ावत का टिकट काटना कायर्कतार्ओं के साथ जुल्म होगा। अजुर्न रायका ने कहा कि जातिवाद को लेकर भले ही आलाकमान किसी ओर को टिकट देने की सोच रहे हों लेकिन जाड़ावत 36 कोम के नेता हैं। कायर्कतार् सम्मेलन में गजानंद शमार्, जनक सिंह, पुष्पा जाट, रणजीत लोट, अनिल सोनी, आजाद पालीवाल, रमेशनाथ योगी ने संबोधित करते हुए कहा
कि आलाकमान को क्षेत्र की ओर से गलत फिडबैक दिया गया है लेकिन संकट की घड़ी में हजारों कायर्कतार् जाड़ावत के साथ हैं। सम्मेलन का संचालन करते हुए बालमुकुन्द मालीवाल, अनिल सैनी, ललिता रेगर ने कायर्कतार् का आवाहन किया
कि वे जाड़ावत के समथर्न में कोई कोर-कसर ना रखे। इस दौरान राजदेव सिंह राणावत, दिनेश सोनी, मोहन सिंह
भाटी, कविश शमार्, मोहनलाल गाडरी, ओमप्रकाश जाट सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कायर्कतार् व पदाधिकारी मौजूद
थे।

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