हस्तशिल्प प्रदर्शिनी के अंतिम दो दिन,भागलपुर की साड़िया, नेचुरल ऑयल,साबुन,फर्नीचर,वुडन खिलौने,श्रृंगार सामग्री आ रहे पसंद

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चित्तौड़गढ़। हस्तशिल्प व हस्तकला प्रदर्शनी में भारत की सिल्क सिटी (भागलपुर) की मधुबनी साड़ियों को खास पसंद किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग के हर्बल प्रोडक्ट एवं दवाइयां, कुर्ते,पजामा,एवं शर्ट, लेदर के पर्स, बैल्ट,सारंगपुर का फर्नीचर, बनारस की नक्काशीदार साड़ी एवं सूट, बटिक प्रिंट के कुर्ते, साड़ी,सूट,दिल्ली की ज्वेलरी, हैंडलूम की बेडशीट राजस्थान का मुखवास को चित्तौड़गढ़ के शिल्प प्रेमियों के द्वारा पसंद किया जा रहा है।

ऋतुराज वाटिका रोडवेज बस स्टैंड के सामने चल रहे “हस्तकला” हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी में कई राज्यों से आए शिल्पी अपने-अपने प्रदेश की खास हस्तकला लाए हैं, भागलपुर से आए कारीगर ने बताया कि भागलपुरी रेशम मूलतः कोसा या तसर रेशम सिल्क हे यह जंगलों में पेड़ों पर पलने वाले रेशम के कीड़े (ककून) से तैयार किया जाता है कोसा के ककून या जंगलों में विशिष्ट पेड़ों पर अपना खास घर बनाते हैं और उसके रस से विकसित होते हैं इन्हें प्रतिवर्ष जंगलों में इकट्ठा किया जाता है इकट्ठा करने के बाद करीब 25% की माला बनाकर पुनः उन्हीं पेड़ों पर छोड़ दिया जाता है जिससे कि अगली फसल तैयार हो सके भागलपुर कोसा रेशम सिल्क मूलतः बहुत चमकदार सुनहरे रंग का होता है, परंतु इसे अब अनेक रंगों में रंगा जाने लगा है ।

भागलपुर को भारत की सिल्क सिटी भी कहा जाता है, भागलपुरी साड़ियों की अपनी अलग ही पहचान है भागलपुरी साड़ियां के पल्लू उनकी विशिष्टता है यह मूलतः भागलपुर के नजदीक स्थित कस्बे (गंगे), में तैयार की जाती है साड़ियों के अलावा शॉल ड्रेस मटेरियल एवं जेंट्स कुर्ते भी तैयार किए जाते हैं यहां पर चार पावड़ी पर बुना कपड़ा (तीन बुनाई) बहुत ही मनोहरी है भागलपुरी कोसा प्रदर्शनी में सादा बुनाई के विभिन्न प्रकारों में एवं आकर्षक प्रिंटो में उपलब्ध है।

प्रदर्शिनी में मध्य प्रदेश खादी ग्रामोद्योग के हर्बल प्रोडक्ट्स और गाय व बकरी के दूध से बने नेचुरल साबुन, नेचुरल पेन किलर ऑयल जो की घुटनों के दर्द में लाभकारी होता है, वहीं मोटापे व मधुमेह में लाभकारी विजयसार गुटका व हर्बल मेहंदी भी लोगों द्वारा पसंद की जा रही है।

आयोजक हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट आर्टिजन वेलफेयर सोसाइटी इंदौर के युसूफ कुरैशी ने बताया कि देश के अनेक राज्यों से आए शिल्पकार यहां अपनी हस्तकला का प्रदर्शन कर रहे हैं इस प्रदर्शनी का मकसद शिल्पीयों को विपणन के लिए उचित बाजार उपलब्ध कराना है, यह प्रदर्शनी 24 अगस्त तक चलेगी ।

शिल्पकारों ने किया अपने शिल्पकला का प्रदर्शन

शहर के ऋतुराज वाटिका में चल रहा हस्तकला रक्षाबंधन उत्सव हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी में देश भर से आए शिल्पकारों एवं ने बुनकरों द्वारा अपनी शिल्प कला का प्रदर्शन किया गया शहर में पहली बार शिल्पकारों द्वारा अपने शिल्प कला का प्रदर्शन कर ग्राहकों को मोहित किया सहारनपुर के वुडन क्राफ्ट के कुशल कारीगरो द्वारा तैयार किए टीक वुड (आसाम) की नई लकड़ी को आग से तपा कर एंटीक लुक दिया गया है, जिससे यह पानी और धूप में से खराब नहीं होती और देखने में शीशम की लकड़ी जैसी लगती है इनके द्वारा निर्मित डाइनिंग सेट झूले रॉकिंग चेयर को विशेषकर पसंद किया जा रहा है साथ ही बनारस भागलपुर एवं तमिलनाडु का ड्रेस मैटेरियल साड़ी सूट एवं दुपट्टे ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं प्रदर्शन में हैदराबाद की रियल पल्स (मोती) की, दिल्ली की ऑक्सिडाइज जर्मन सिल्वर ज्वेलरी को बनते हुए ग्राहकों ने देखा एवं जमकर खरीदी भी की गई प्रदर्शनी के आयोजक हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट आर्टिजन वेलफेयर सोसाइटी संचालक ने बताया कि यह प्रदर्शनी प्रधानमंत्री की योजना सबका साथ सबका विकास के अंतर्गत लगाई गई है इस प्रदर्शनी में बाटिक प्रिंट, लखनऊ का चिकन वर्क, जयपुर की जूती एवं कुर्तियां, तमिलनाडु की कांजीवरम साड़ी, खादी के शर्ट एवं कुर्ते खासकर राखी के पावन पर्व पर महिलाओं के लिए रेडीमेड की आकर्षक कुर्तियां एवं पैंट प्लाजो का विशेष कलेक्शन उपलब्ध है, इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिल्पी ओ एवं बुनकरों द्वारा निर्मित हस्तकला को सीधे कम दामों पर ग्राहकों तक पहुंचाना एवं शिल्पकारो और बुनकारो को रोजगार उपलब्ध कराना है।

 

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