चित्तौड़गढ़। जिले में इस बार मानूसन की बेरूखी के चलते लगभग दो माह का सावन बित जाने के बावजूद बारीश नहीं होने से सभी के चेहरे पर मायूसी छा गई थी, लेकिन लम्बी प्रतिक्षा के बाद आखिर कार इंद्रदेव रविवार को प्रसन्न हुए, जिसके चलते कुछ देर के लिये हवा के साथ तेज बौछारों से एक बारगी तो सभी के चेहरे खिल उठे।
सुबह से उमस के कारण जन जीवन खास प्रभावित होने के साथ ही शाम को आसमान में घिर आई काली घटाओं के साथ शुरू हुई बारीश से सड़कों पर पानी बहने लगा, वही लोग बारीश से बचाव का जतन करते देखे गये। इधर पूवर् में मानसूनी की हुई थोड़ी सी बरसात के बीच किसानों ने फसल बुवाई कर दी, जिसके बाद से बारीश के इंतजार में उनके चेहरे पर चिंता झलकने लगी थी, लेकिन जिले में एक बार फिर से शुरू हुई वषार् से अब किसानों को भी आस जागने लगी है। वही दूसरी जिले के सभी बांध, तालाब एंव विभिन्न जल स्त्रोत अभी तक खाली पड़े है, ऐसे में गमीर् के दौर में पेयजल संकट जिले वासियो को झेलना पड़ सकता है।