चित्तौड़गढ़। राशमी तहसील के उपरेडा मंे सरकारी स्कूल में कार्यरत विद्यालय सहायक प्रभु लाल बैरवा द्वारा नाबालिग छात्रा को अनुशासनहीनता के लिए डांटने के मामले में उसके विरुद्ध लगाये गये पोक्सो एक्ट के मामले को झूठा बताते हुए अखिल भारतीय बैरवा समाज ने आक्रोश व्यक्त कर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि विद्यालय में लगे उपरेडा निवासी प्रभु लाल बैरवा गांव के ही सरकारी स्कूल में विद्यालय सहायक पद पर कायर्रत है तथा विद्यालय में पढ़ाने के दौरान गत 3 माचर् को अनुशासनहीनता करने पर उन्होंने एक नाबालिग छात्रा को डांट लगाई थी। जिस पर छात्रा के परिजनों ने प्रभु लाल बैरवा के घर पर हमला किया व उसकी पत्नी इंदू देवी बैरवा के साथ भी गाली-गलोच व जातिगत अपमानित किया। इस घटना पर प्रभु लाल बैरवा ने छात्रा के परिजनों के खिलाफ थाने में मुकदमा दजर् कराने पर पुलिस जांच में अभिभावक दोषी पाए गए। इसी द्वेषता के चलते अभिभावकों ने झूठा मामला बनाकर पोक्सो एक्ट में दजर् करवाया जिसे संगठन ने मनगढ़ंत बताया। विद्यालय सहायक प्रभु लाल बैरवा द्वारा भी उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा जिसकी जांच जारी है। अखिल भारतीय बैरवा समाज ने मामले की निष्पक्ष शीघ्र जांच कर पीड़ित के खिलाफ पोक्सो के झूठे मामले को रद्द कर राहत दिये जाने की मांग की। इस अवसर पर कालूलाल, नारायणदास, प्रभुलाल, लक्ष्मणलाल, मूलचंद, लादूलाल, धनराज, छोगादास, छोटूलाल, बालुराम, राकेश बैरवा, प्रकाशचन्द्र, बाबुलाल आदि उपस्थित रहे।
