सात दिन में कपासन मातृकुंडिया की डीपीआर नहीं तो बनास में लेंगे जल समाधि

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चित्तौड़गढ़। किंग सेना कपासन जल संघर्ष समिति ने राज्य सरकार को सात दिन की चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने मातृकुंडिया से कपासन नहर की डीपीआर बनाने की कारर्वाई शुरू नहीं की तो तय समय सीमा के पश्चात हजारों की तादाद में कपासन के महिला-पुरुष बनास नदी में जल समाधि लेंगे। महासचिव सुनील निमावत ने कहा कि हर साल में वाडर् के सभी तालाब ओवरफ्लो हो जाते हैं लेकिन कपासन का तालाब खाली रह जाता है। कस्बे की जनता के साथ इससे बड़ी त्रासदी और क्या होगी कि उसके बगल में हजारों मिलियन क्यूबिक फीट पानी हर साल बनास नदी में बहकर मातृकुंडिया बांध में होते हुए जयपुर के बीसलपुर बांध तक चला जाता है लेकिन कुछ ही किलोमीटर दूर अजमेर में पेयजल आपूर्ति के प्रमुख स्त्रोत राजराजेश्वर तालाब बांध तक नहीं पहुंच पाता। शंकर माली ने कहा कि बनास नदी का पानी कपासन तक पहुंचाने के लिए 30 किलोमीटर की फीडर भी बनी हुई है लेकिन हर साल इसे लेकर कोई ना कोई व्यवधान खड़ा हो ही जाता है जिसकी वजह से पानी कपासन तक नहीं पहुंच पाता है। गजेंद्र सिंह सरोहा ने कहा कि इसका स्थाई समाधान मातृकुंडिया बांध से कपासन के राजेश्वर तालाब तक नहर बनाए जाने से ही संभव होगा। मुख्यमंत्री ने हाल ही में महंगाई राहत शिविर में इसकी डीपीआर सवर्े की घोषणा की थी कि सेना का भाषण संघषर् समिति की यही मांग है कि डीपीआर सवर्े की कारर्वाई 7 दिन के भीतर शुरू की जाए अन्यथा बनारस में जल समाधि ले ली जाएगी। अभिषेक व्यास ने कहा कि इसके साथ ही सिद्धेश्वर गांव में शुरू हो रही कपासन फीडर नहर को पक्का कर बीच में पड़ने वाले गांव के बाशिंदों के लिए पुलिया बनाई जाए, ताकि फीडर बहाव के समय उनका आवागमन सुचारू रह सके। कपासन फीडर फिलहाल 15 किलोमीटर ही पक्की है आधी कच्ची फीडर में भारी मात्रा में झाड़ झंकार और पेड़ उग आए हैं, प्रशासन तुरंत प्रभाव से इसकी सफाई शुरू कर साथ ही फीडर पर कपासन और भोपाल सागर गेट को दुरुस्त कराएं। राकेश सुवालका ने बताया कि बीते 2 साल में मेवाड़ के विभिन्न जिलों में माही बांध, मानसी, वाकल नदी एवं देवास योजनाओं के लिए संघषर् कर रही है, सांवरिया सेठ में 50 हजार लोगों की जनसभा उदयपुर एयरपोटर् हाईवे जाम और 3 दिन तक भूख हड़ताल कर राज्य सरकार पर दबाव बना मौजूदा बजट में उदयपुर शहर में पेयजल के लिए 16 सौ 91 करोड रुपए की देवास तृतीय और चतुथर् योजना स्वीकृत करवाई, साथ ही मावली के बागोलिया बांध को भरने के लिए पुनः सवर्े कराए जाने हेतु 14 लाख रुपये स्वीकृत करवाएं हैं।

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