कांग्रेस जिलाध्यक्ष को लेकर विरोधाभास के उभरे स्वर

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Iliyas Mohammad
  • युवक कांग्रेस की नाराजगी जाहिर
  • एक व्यक्ति एक पद पर कांग्रेस नहीं कर रही अमल

चित्तौड़गढ़। हालही में कांग्रेस हाईकमान द्वारा जारी जिलाध्यक्षों की सूची में चित्तौड़ जिलाध्यक्ष पद पर कपासन प्रधान भैरूलाल चौधरी के मनोनयन पर अभी से कांग्रेस में विरोधाभास शुरू हो चुका है। जहां कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़ में प्रमोद सिसोदिया, बद्रीलाल जाट जगपुरा, करण सिंह सांखला सहित अन्य कांग्रेसजनों का नाम चर्चा में चल रहा था, लेकिन आलाकमान ने अचानक कपासन प्रधान भैरूलाल चौधरी को जिलाध्यक्ष मनोनीत कर सभी चौंका दिया। जिसको लेकर कांग्रेस में तुरंत ही सोशल मिडिया सहित अंदर खाने विरोध के स्वर उभरने लगे है। खास तौर पर युवा कांग्रेस में नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि चौधरी के मनोनयन पर कपासन क्षेत्र को छोड़कर जिले के अन्य क्षेत्रों व विधानसभा में कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। जहां दो वर्ष से जिला उपाध्यक्ष पुराने विवाद व गुटबाजी को भुलाकर आये दिन आलानेता के साथ मंच साझा कर कांग्रेस को मजबूत करने में लगे हुए थे। लेकिन सोमवार रात्रि को जिलाध्यक्षों की जारी सूची में जिलाध्यक्ष भैरूलाल चौधरी को बनाये जाने पर गुटबाजी उभरने के साथ ही कायर्कतार्ओं में रोष व्याप्त हो गया। जिसका खामियाजा कांग्रेस को आने वाले विस चुनाव में भुगतना पड़ सकता हैं, अब देखना यह होगा कि आलाकमान के फरमान से हो रहे डैमेज को यहां के स्थानीय नेता कैसे कंट्रोल करते हैं।

कांग्रेस नहीं कर पा रही अपने ही नियम पर अमल

जहां गत वर्ष उदयपुर में हुए कांग्रेस के मंथन शिविर में एक पद एक व्यक्ति के नियम को कांग्रेस ही सार्थक नहीं कर पा रही है।नवनियुक्त कांग्रेस जिलाध्यक्ष भैरूलाल चैधरी कपासन पंचायत समिति प्रधान, पीसीसी सदस्य, बीसूका के सदस्य, जिला सतकर्ता समिति के सदस्य, सांवलिया मंदिर मंडल सदस्य, डीएमएफटी सदस्य होने के साथ जलजीवन मिशन के सदस्य जैसे पदो पर आसीन है। ऐसे में पार्टी के एक पद एक व्यक्ति का नियम कांग्रेस जिलाध्यक्ष भैरूलाल चौधरी के लिये संभवतः लागू नहीं होता है, जिसके चलते उन्हें जिलाध्यक्ष पद से मनोनीत किया गया।

सिसोदिया के समर्थकों में खासा रोष व्याप्त

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद पर प्रमोद सिसोदिया का मनोनयन नही करने पर सभी युवा वर्ग में निराशा का माहौल है। सिसोदिया लंबे समय तक एनएसयूआई, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए संगठन के लंबे अनुभव एवं लोकप्रियता को देखते हुए भी आलाकमान द्वारा उन्हें जिलाध्यक्ष नही बनाने पर आक्रोश व्यक्त किया। पूर्व युकां जिलाध्यक्ष एवं पार्षद नवीन तंवर ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि आलाकमान ने चित्तौड़ के कार्यकर्ताओं की भावना और सिसोदिया की विगत 30 वर्षो की कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पण, सक्रियता और मेहनत को नजर अंदाज किया जो जिले के सभी कार्यकर्ताओं में हताशा का कारण बन रहा है।

अल्प संख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष इम्तियाज हुसैन ने कहा कि प्रमोद सिसोदिया चित्तौड़गढ़ की सभी विधान सभा क्षेत्र में छत्तीस कौम के युवाओं को साथ लेकर चलने वाले नेता हैं जिसका लाभ उनके जिलाध्यक्ष बनने पर कांग्रेस संगठन को मिलता। युकां जिला उपाध्यक्ष नितिन वर्मा ने सिसोदिया के समथर्न में उतरते हुए कहा कि कांग्रेस पाटीर् के प्रति समर्पित रहने वाले सिसोदिया को आलाकमान द्वारा दरकिनार करना आने वाले विधानसभा चुनावो में कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचने की संभावना है। युकां कांग्रेस विधानसभा उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह चुंडावत ने कहा कि 7 राजनीतिक पदो पर बैठे व्यक्ति को 8वां पद देना उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में राहुल गांधी द्वारा बनाए गए नियमो का उल्लंघन है, जिसमे एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत अपनाने पर जोर दिया गया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि नियम सिर्फ शिविरों तक ही सीमित है। संजय रैगर ने भी कुंठित होते हुए बताया कि सिसोदिया जिला मुख्यालय पर रहते हुए कार्यकर्ताओं के लिए सहज सुलभ थे, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ता। युवा कार्यकर्ता दिनेश गुर्जर, चक्षु शर्मा, गिरवर सिंह, रियाज खान, शोएब अली, हनीफ, कमलेश अनीस खान, रिजवान रमेश, चिरंतन टेलर, दीपक शर्मा, खुमेंद्र गुजर्र, राहुल सोलंकी, गोपाल आजाद, संजू सेन, जेपी रैगर, रफीक खान, इरफान खान, बाबू गुर्जर, रतन गाडरी, मोहन मेनारिया सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने सिसोदिया के जिलाध्यक्ष पद पर मनोनयन नहीं होने पर रोष व्यक्त किया है।

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