चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायालय अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण चित्तौड़गढ़ के द्वारा बड़ी सादड़ी थाना क्षेत्र के परिवाद पर प्रसंज्ञान लेते हुए थाने की जांच, गंभीर मारपीट में विभिन्न धाराओं के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के साथ ही डिप्टी ऑफिस में पदस्थ कांस्टेबल व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर तलब किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवादानुसार बड़ीसादड़ी थाना क्षेत्र के बिनायका गांव में 7 फरवरी 2022 को गांव के कुछ नाबालिग अलाव तापते समय झगड़ गए, जिस पर परिवादिया सुमित्रा बलाई की बहन का लड़का भी वही था। झगड़े के बाद दोनो पक्षों की ओर से बड़ीसादड़ी थाना में रिपोर्ट दी गई जिसके बाद गांव के मोतबीरो की समझाइश के बाद थाने में राजीनामा हुआ। राजीनामा होने के पश्चात 9 फरवरी को शाम को 6 बजे परिवादीया थाने से घर विनायका लौट रही थी, तब परिवादिया के भाई कमलेश सालवी को अभियुक्त प्रह्लाद सिंह का फोन आया कि दोनों बच्चों को लेकर डिप्टी ऑफिस आ जाओ मुझे कुछ लिखा पड़ी करवानी है। दिए गए परिवाद के अनुसार आरोपी प्रहलाद सिंह व अन्य लोगों ने नाबालिग व परिजनों के साथ डिप्टी ऑफिस के बाहर मारपीट की और जाति सूचक शब्द कहे। साथ ही गांव के चौराहे पर माफी मंगवाने के लिए भी कहा। बिनायका गांव परिजन पहुंचे तो आरोपी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बिनायका गांव के चौराहे पर पहुंचा और पीड़ित परिवार को मौके पर बुला जातिसूचक अपशब्द कहकर नाबालिग व परिवार के साथ मारपीट कर गांव से निकले जाने की धमकी दी । इस दौरान पीड़ित परिवार की लज्जा भी भंग की गई, इस घटनाक्रम की एक लिखित रिपोर्ट परिवादीया ने बड़ीसादड़ी थाना में दी परंतु पुलिस की द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से पीड़ित की मां के द्वारा एडवोकेट गौरव परमार, सय्यद मोहम्मद माजिद,अबरार खान व अमित कोली के जरिए इस्तगासा अनुसूचित जाति जनजाति न्यायालय (अत्याचार,निवारण) में प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायालय ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए तुरंत प्रसंज्ञान लेते हुए परिवाद के अंतर्गत धारा 354,323,341,34,166ए,166बी, 307भादस व धारा 3 सहित विभिन्न धाराओं में प्रथम दृष्टया आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। प्रकरण में लिप्त डिप्टी ऑफिस बड़ीसादड़ी में पदस्थ कांस्टेबल प्रह्लाद सिंह सहित अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी कर तलब किया है। वहीं बड़ी सादड़ी थाना पुलिसकर्मियो के द्वारा प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं करने पर धारा 4 अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कर्तव्य की उपेक्षा मानते हुए पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ को बड़ीसादड़ी थाना की जांच करवाए जाने के लिए आदेशित किया है।