चित्तौड़गढ़। जातिसूचक शब्द से अपमानित करने व समाज से बहिष्कृत करने के एक मामले में आरोपियों को संदेह का लाभ देकर न्यायालय ने दोषमुक्त किया है।
जानकारी के अनुसार प्रार्थी मोहनलाल मीणा ने पुलिस थाना डूंगला में इस आशय की रिपोर्ट पेश की, कि 4 मार्च 2018 को प्रातः सरपंच की चक्की पर गया था। वहां पर भगवतीलाल आया और जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया और समाज से बहिष्कृत करने की कहा और उसके साथ मारपीट करने लगा और लोगों द्वारा छुडाया गया। इस पर डूंगला पुलिस ने अनुसंधान कर अभियुक्तगण भगवतीलाल शर्मा, पप्पु उर्फ किशनलाल शर्मा , मुकेश कुमार, विनोद कुमार नागदा के विरूद्व चालान विशिष्ट विशिष्ट न्यायाधीश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण प्रकरण के अन्तर्गत धारा 341, 323, 325, 365/511 सपठित धारा धारा 34 भा.द.स. एवं धारा 3 (1) (द) अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने 9 गवाहों के बयान न्यायालय मे करवाये तथा 18 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये तथा अभियोजन पक्ष अभियुक्तगण के विरूद्व आरोपित अपराध युक्ति युक्त संदेह से परे प्रमाणित करने मे असफल रहा है। अभियुग्तण को उपरोक्त आरोपों मे सन्देह का लाभ दिया जाकर दोषमुक्त किया। अभियुक्तगण की ओर से पैरवी अधिवक्ता रमेशचन्द्र पालीवाल ने की।