चित्तौड़गढ़। भारतीय जैन संगठन ने जिले के जलाशयों और तालाबों को पुनर्जीवन देने के लिए जिला प्रशासन के साथ एमओयु करके कार्य करने का बीड़ा उठाया। जिलाध्यक्ष डॉ. ज्ञान सागर जैन ने बताया कि संगठन ने भारत देश के 100 जिलों के जलाशयों को पुनर्जीवित कर किसानों को पशुओं व प्राणियों के लिए और जल स्तोत्र को पुनर्जीवित कर समाज को सहयोग करेगा। भूपेश फत्तावत ने बताया कि राजस्थान में 15 जिलों का चयन किया गया। जिसमें चित्तौड़ का भी नाम है।
इस संदर्भ में सरकार के सहयोग और प्रशासन द्वारा बताए गए मार्गदर्शन में काम करके जो जलाशय मिट्टी से भर गए हैं या लुप्त हो गए हैं, उनमें पानी का स्त्रोत बनाए रखने के लिए और ज्यादा से ज्यादा भराव क्षमता पानी की बने, पानी की आवक सही रहे ताकि आसपास के क्षेत्र और किसानों को खेती के लिए पानी मिल सके, प्राणी एंव पशुओ के लिए पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके। पूरे वर्ष तक इस संदर्भ में आर के अग्रवाल के निर्देशानुसार कार्य योजना बनाकर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल के साथ एक संयुक्त एमओयु साइन करके इस कार्य को शीघ्र शुरू शुरुआत करने का निर्णय किया है। तुषार सुराणा ने बताया की जिला प्रशासन द्वारा बताए हुए जलाशयों पर संगठन कार्य करेगा। जिसमें जेसीबी की 10 मशीनें लगाई जाएगी। मार्गदर्शन के लिए प्रशासन ने नोडल अधिकारी राजकुमार शर्मा को नियुक्त किया है, जिनकी देखरेख में संपूर्ण कार्य किया जाएगा । चित्तौड़ जिले के प्रमुख जलाशय में चित्तौड़, कपासन, निंबाहेड़ा, बेंगू, गंगरार, बड़ीसादड़ी आदि जगह के जलाशयों का कार्य हाथ में लिया है। एमआयू के दौरान विपिन नाहर, संजय ढीलीवाल, मोहित सरुपरिया, उमा सुराणा, रेखा गिलुंडिया, स्नेहा ढीलीवाल, कल्पना मेहता, कलिका जैन, हिमांशु बोरदिया, दक्ष मेहता, कमलेश चंडालिया, नितेश सेठिया, राजेंद्र नाहटा, राजेंद्र पटवारी, पवन कुमार जैन और संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।