Case of death of a prisoner in Narcotics Department, consensus reached on demands after 72 hours, body handed over to relatives
चित्तौड़गढ़। नारकोटिक्स विभाग की हिरासत में चल रहे चार किलो अफीम तस्करी के आरोपी की मौत पर चल रहा हंगामा तीसरे दिन भी जारी रहा, ग्रामीणों और समाजजनों द्वारा चिकित्सालय व कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया जाता रहा, अततः विधायक डॉ. सुरेश धाकड़ के हस्तक्षेप से परिजनों की मांगों पर सहमति के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश की मौजूदगी में शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया।
नारकोटिक्स विभाग द्वारा 10 फरवरी को बस्सी क्षेत्र में मोटर साइकिल पर 4 किलो अफीम ले जाते माताजी साहब का खेड़ा थाना बिजौलिया जिला भीलवाड़ा निवासी कैलाश धाकड़ को गिरफ्तार किया था। जिसे न्यायालय में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया था। इस बीच शुक्रवार को उसने विभागीय परिसर में स्थित शौचालय में जूते की लेस से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसकी जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ मृतक के परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे। जहां परिजनों ने नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों पर लाखों रुपये मांगने और नहीं देने के कारण कैलाश की हत्या का आरोप लगाया। इस संबंध में शनिवार को पूरे दिन प्रशासन मृतक का पोस्टमार्टम कराने का प्रयास करता रहा लेकिन ग्रामीण व परिजन नारकोटिक्स के अधिकारियों के विरूद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज कर उसकी निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने, न्याययिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग पर अड़े रहे। लेकिन देर रात तक सहमति नहीं बनने पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर रात भर पड़ाव डाले रखा।
घटना के तीसरे दिन रविवार को बड़ी संख्या में धाकड़ समाज के लोगों ने एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट चैराहे पर धरने के लिए कूच किया, जिन्हे पुलिस प्रशासन ने पूराने न्यायालय के बाहर ही रोक लिया। जिस पर ग्रामीणों ने बैंक के बाहर ही रास्ता रोककर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया और सक्षम अधिकारी को ज्ञापन लेने के लिए वहीं पर बुलाने की मांग करने लगे, लेकिन करीब एक घंटा प्रदर्शन के बाद भी किसी अधिकारी के नहीं पहुंचने पर एकत्रित भीड़ ने पुलिस के रोकने के बाद भी कलेक्ट्रेट चैराहे पर पहुंचकर पड़ाव डाल दिया। जहां काफी गहमा गहमी के बीच उपखंड अधिकारी बीनू देवल के मौके पर पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस दौरान एएसपी सरिता सिंह, उपाधीक्षक विनय चौधरी, उपाधीक्षक छू्ट्टन लाल, कोतवाल भवानी सिंह, सदर थाना अधिकारी निरंजन प्रताप सिंह सहित कई पुलिस अधिकारी भारी जाप्ते के साथ तैनात रहे। इस दौरान रास्ता रोके जाने पर एएसपी सरिता सिंह ने प्रदर्शनकारियों को मार्ग से हटने की चेतावनी दी। इसके साथ ही समझाईश का प्रयास करते हुए वार्ता के लिए प्रतिनिधि मंडल को बुला लिया। प्रशासनिक अधिकारियों व प्रदर्शन कारियों के प्रतिनिधि मंडल के बीच तत्काल प्रकरण दर्ज करने, न्यायिक जांच सहित अन्य मांगों पर सहमति बनने के आसार नजर आने लगे, लेकिन ग्रामीण फिर भी अड़े रहे। इसके बाद ग्रामीण फिर से चिकित्सालय पहुंच गए।
जहां विधायक डॉ. धाकड़ की मध्यस्तता पर शाम को अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश सिद्धार्थ सांदू की उपस्थिति में शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा परिजनों के सुपूर्द कर दिया गया।
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