कब्जे काश्त चली आ रही बिला नाम सरकारी भूमि पर भू माफियाओं की नजर, किसानों को कर रहे परेशान

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Land mafias have their eyes on government land which is being occupied and cultivated without any name and are harassing farmers 

चित्तौड़गढ़। बेंगू तहलसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत सामरिया के झोंपड़िया एवं गोरला गांव के ग्रामीणों ने करीब सौ वर्षों से कब्जे काश्त चली आ रही बिला नाम सरकारी भूमि को भू-माफियाओं द्वारा राजस्व कर्मचारियों की मिली भगत से बेचान करने, ग्रामीणों के कब्जे हटाने की कार्रवाई करने एवं दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच कर प्रभावी कार्रवाई अमल में लेने की मांग को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि कृषि भूमि जिससे काश्तकारों के परिवार का भरण पोषण होता आ रहा है, लेकिन भूमाफियों द्वारा राजस्व कर्मचारियों से मिलीभगत कर बेचान कर दिया और हमारी वर्षों पुरानी कब्जेशुदा भूमि पर से जबरन कब्जा हटाया जा रहा है। बेगूं क्षेत्र के बिलानाम भूमि राजस्व रिकॉर्ड में अंकित है। उक्त बिलानाम भूमि पर प्रार्थीगण का अपने पूर्वजों के समय करीब 100 वर्ष से अधिक समय से कब्जा काश्त चला आ रहा है। बाल बच्चों एवं परिवार का भरण पोषण इसी कब्जाशुदा जमीन से करते आ रहे है। भूमि की सुरक्षा हेतु मौके पर पत्थर कोट भी करा रखी हैं। उक्त कब्जाशुदा भूमि के गैर खातेदारी में अंकित है तथा हमारे पूर्वजों को कब्जे काश्त की भूमि पर मौके पर गेहूं सरसों आदि की फसलें खड़ी हुई होकर हम उपयोग उपयोग करते आ रहे हैं। लेकिन भू माफियाओं द्वारा राजस्व कर्मचारियों से मिलीभगत से भूमाफिया के कब्जे की जमीन के नंबर को उलट पुलट करवा कर कब्जे काश्त की भूमि पर अंकित करवा दिया गया। असंवैधानिक तरीके से भूमाफियाओं के खाते करवा दी गई है और कब्जे शुदा भूमि का मौके पर कब्जा हटाने की धमकियां दी जा रही हैं। अधिकारियों एंव भू-माफिया सोहन लाल धाकड़, नवीन कुमार धाकड, दलाल जेलाल रेबारी, कैलाश गुर्जर इन सभी की मिलीभगत से गैर कानूनी तरीके से नोटिस जारी किये गए है। जिसकी वजह से काश्तकार डर के कारण अपनी जमीन बेचने पर मजबूर हो रहे है। रात्रि में रजिस्ट्रियां करवाई जा रही हैं जो कि गैर खातेदारी जमीन हैं वो 50-50 वर्षों से खातेदारी में नहीं हैं और कुछ कब्जेशुदा भी हैं। उक्त व्यक्तियों द्वारा अपने पदों का दुरुपयोग कर किसानों की मदद करने के बजाय भू-माफियाओं का साथ दिया जा रहा हैं। भू-माफिया राजनीतिक रसूखदार एवं धनाढ्य व्यक्तित्व वाले व्यक्ति होने के कारण राजस्व कर्मचारियों से मिलीभगत कर कब्जाशुदा जमीन को खातेदारी में अंकित करवा कर 1-2 दिन में ही पंजीयन करवा कर भू-माफिया के नाम नामांतरण अंकित करवा दिया गया। बेदखली के नोटिस देकर डराया व धमकाया जा रहा हैं और भू-माफियाओं से लाभ पहुंचाने की गरज से उक्त हमारी कब्जे की भूमि पर कब्जा करने के लिए बोली लगाकर हमें बेदखल करने की निरंतर कोशिश की जा रही हैं। हमारे पास कोई कृषि योग्य भूमि नही रहेगी तो परिवार एवं मवेशियों का पालन पोषण करना ही दुभर होकर परिवार वालों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। हमारी यह मांग है कि भूमि को लेकर हो रहे विवाद का निराकरण हो। ज्ञापन के दौरान रमेश, श्याम, सत्यनारायण, राकेश, रामलाल, प्रकाश चंद्र, हेमराज, राजेश्वर समेत ग्रामवासी मौजूद थे।

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