Private buses blocked 25 thousand passengers affected
चित्तौड़गढ़। बस ऑपरेटर्स राजस्थान और बस मालिक की ओर से आज निजी बसों का चक्का जाम करते हुए प्रदेश स्तरीय हड़ताल की गई। जिसमें प्रदेश में करीब 30 हजार और जिले में 450 बसों का संचालन प्रभावित हुआ है। आज हुई निजी बसों की हड़ताल के कारण रोडवेज और ट्रेनों में भारी भीड़ देखी गई वहीं नियमित रूप से जाने वाले यात्री परेशान दिखे। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों पर लोगांे को भारी परेशानियां हुई और कई लोग निजी वाहनों से यात्रा करने पर मजबूर हुए।

24 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू एवं इरशाद शेख ने बताया कि बस ऑपरेटर्स की ओर से परिवहन विभाग को कई बार मांगों से अवगत कराया है लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण मजबूर होकर चक्का जाम हड़ताल का फैसला करना पड़ा। बस ऑपरेटर्स की ओर से सरकार को बार-बार 24 सूत्रीय मांगों को लेकर ध्यान आकर्षण कराया जिसमें ऑनलाईन अस्थाई परमिट के साथ-साथ ऑफलाइन परमिट चालू रखने, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 2 माह का टेक्स माफ करने की मांग रखी थी। उनके अनुसार निजी बसों का किराया 2014 में तय किया गया था। वहीं कई बार डीजल, बीमा, टोल और बसों के साथ-साथ पार्ट्स की कीमत बढ़ने के बावजूद दूसरे राज्यों की अपेक्षा राजस्थान में किराया कम है। ज्ञापन के दौरान उपाध्यक्ष ओमप्रकाश डूंगरवाल, शंभुलाल वैष्णव, सचिव इरशाद मोहम्मद,कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर गांधी, सुनील बाघमार, हीरालाल टेलर, हमीद मोहम्मद, सूर्यपाल सिंह, देवेंद्र सिंह शक्तावत शामिल रहे।

यह रही प्रमुख मांगें
बस ऑपरेटर्स ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सचिव इरशाद शेख के नेतृत्व में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि दूसरे राज्यांे के समान प्रति यात्री, प्रति किलोमीटर 1 रूपये 40 पैसे किराया तय किया जाये। चुनाव में िनजी बसों का किराया 2250 रूपये से बढ़ाकर 4 हजार 500 रूपये और डीजल किया जाये। राजस्थान परमिट पर ट्यूरिस्ट पर चलने वाली बसों को यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश की तर्ज पर 200 रूपये प्रति सीट प्रतिमाह किया जाये। लोक परिवहन सेवा, ग्रामीण सेवा, सिटी परमिट बसों की टीपी की संख्या बढ़ाई जाये। एनसीआर क्षेत्र में सीएनजी या बीएस 6 इंजन लगाने पर एनसीआर क्षेत्र में संचालन की परमिशन 10 साल तक बढ़ाई जाये। वाहन बदलने पर सिटिंग कैपिसिटी की शर्त को 5 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाये। राजस्थान परमिट से राष्ट्रीयगत मार्ग पर संचालित नहीं करने की शर्त को हटाया जाये और 2 संभागों को जोड़कर परमिट जारी करने जैसी कई मांगें रखी है। इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि रोडवेज के पास 2600 बसें होने के बावजूद 8 हजार परमिट लिये हुए है और कई राष्ट्रीयकृत मार्गाें पर आम नागरिक को यातायात का साधन उपलब्ध नहीं है। जिस मार्ग पर रोडवेज का परमिट होने के बावजूद बसें संचालित नहीं है उसका परमिट निजी बसों को देने की भी मांग है।
उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में मांगे नहीं माने जाने पर वृहद स्तर पर आंदोलन कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।